Friday, July 29, 2016

aunty ki majboori

Hi friends mera naam chorain yar naam m kya raka hay baki batain to hoti rahain gee m seeda point p ata hon meri height 6 feet hay aurr lund size 7 inches hy aunty ki height 6 feet hay aur figure 40 36 40 hay kamal ka maal hay yaroo aik to gora aur molaim badan aur uper say nasheleen ankain ghazab ki jawaani hay us ki hum logo ka ghar sath sath hay es lya ana jana laga rehta hay m jab b un ko dekhta to bs mera lun
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आंटी को वाइफ बनाया

हाई, मेरा नाम आकाश है और मैं ये अपनी पहली स्टोरी लिख रहा हु. जिसको पसंद आये, तो कमेंट करे.
ये कहानी मेरे सिटी में आई एक आंटी की है. उनका नाम डिंपल था और वो बैंक में काम करती थी. उनकी शादी को १ इयर हुआ था और उनका हबी बाहर नौकरी करते थे. तो स्टोरी चालू करता हु. मैं सिटी बस से आ रहा था और वो वो न्यू थी सिटी में. उसे कुछ भी पता नहीं था. वो मेरे पास ही बैठी थी और कुछ जगह के बारे में पूछने लगी. मैं उनसे बातें करने लगा. उन्होंने मुझे बताया, कि वो सिटी में नये है और उन्हें मार्किट जाना था. मैंने उन्हें मार्किट का रास्ता बता दिया और हमारी बातचीत शुरू हो गयी. उन्होंने मुझे अपने बारे में बताया, कि वो बैंक में है और सिटी में अकेले रूम लेकर रहती है. उनके हसबंड बाहर जॉब करते है और महीने में १ – २ बार ही घर आते है. फिर, मार्किट आ गया और वो उतर गयी.
एक – दो दिन बाद, मुझे बैंक में काम पढ़ा और मुझे बैंक में वो आंटी दिख गयी. मुझे देख कर वो बोली – तुम यहाँ कैसे? मैंने कहा – काम था बैंक में. मुझे अकाउंट खुलवाना है. उन्होंने मेरी हेल्प की और सब बता दिया. फिर वो बोली – चलो मेरे केबिन में. वहां चाय पीते है. मैंने कहा – आंटी, आज तो जल्दी है फिर कभी. ८ -१० दिन बाद, मुझे अपनी पासबुक लेने बैंक जाना था, तो मैं गया और आंटी से मिला. हमने बातो ही बातो में अपने नंबर एक्स्चंज कर लिए और फिर उनके साथ चाय पी. मैंने पासबुक ली और घर वापस आ गया.
ऐसे ही दिन निकल गया और रात को आंटी का मेसेज आया. मैंने भी रिप्लाई लिया. फिर ऐसे ही, हमारी बातचीत शुरू हो गयी. धीरे – धीरे हम अच्छे फ्रेंड बन गये और १ दिन उन्होंने मुझे घर बुलाया डिनर पर. मैं उनके घर पुहुचा और डोरबेल बजायी. आंटी ने जैसे ही दरवाजा खोला, मैं तो उन्हें देखता ही रह गया. बेकलेस ब्लाउज साड़ी, वो भी नेवल के नीचे तक बंधी थी. लाइट मेकअप, क्या बला की खुबसूरत लग रही थी. फिर मैं अन्दर गया और हमने बाते की. फिर खाना खाया और फिर मैं वापस आ गया. रात को आंटी और मैं फ़ोन पर बात करते रहे. उस दिन मेरा बर्थडे था और आंटी ने मुझे १२ बजे विश किया और मुझे बोला, कि साथ बजे मेरे घर आना. तुम्हारा बर्थडे सेलिब्रेट करेंगे. फिर शाम को मैं रेडी होकर उनके घर गया और रास्ते से मैं एक केक और बाकी का सामान ले लिया था. उनके घर पहुच कर मैंने डोरबेल बजायी. आंटी ने दरवाजा खोला.

उन्होंने नाईटी पहनी हुई थी. उन्होंने मुझे अन्दर आने को कहा. उन्होंने कहा, कि आज हम बाहर खाना खाने चलते है. मैंने कहा – मैं केक लाया हु. तो उन्होंने कहा – पहले घर में केक कट कर लेते है. फिर बाहर खाना खाने चलते है. मैंने कहा – ओके. उन्होंने कहा – चलो, मैं रेडी होकर आती हु. तुम तब तक टीवी देखो. ये कह कर वो अपने बेडरूम में चली गयी और मैं टीवी देखने लगा. कुछ देर बाद, आंटी की आवाज़ आई, आकाश… प्लीज अन्दर आओ. मेरी हेल्प करना. मैं बोला – आंटी आता हु. आंटी ने दरवाजा बंद किया हुआ था. मैंने दरवाजा नॉक किया, तो उन्होंने दरवाजा खोला.
जैसे ही दरवाजा खुला, मैं तो उन्हें देखता ही रह गया. आंटी ब्रा और पेटीकोट में उलटी खड़ी थी. मुझे उनकी बेक दिखाई दे रही थी. यरूऊओ…. क्या मस्त चिकनी थी और उस पर एक प्यारा सा तिल… मुझे तो उन्हें देख कर कोई होश ही नहीं रहा. फिर वो बोली – ज्यादा मत घूरो.. मेरी ब्रा का हुक नहीं लग रहा है. प्लीज लगा दो. मैंने तुरंत हुक लगा दिया और बेक पर हाथ फेर दिया. फिर, वो बोली – तुम चलो, मैं आती हु. फिर थोड़ी देर बाद, आंटी आई. उन्होंने एक बेबी पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई थी. बहुत गजब लग रही थी वो. बस दिल कर रहा था, कि चोद दू अभी उन्हें. फिर, मैंने अपने आप को कण्ट्रोल किया और आंटी केक ले आई और बोली – चलो केक कट करो. मैंने बोला – साथ में करते है. वो मान गयी और फिर हमने एक दुसरे को केक खिलाया और फिर मैंने १ रोमेंटिक सोंग प्ले कर दिया.
मैंने आंटी को साथ में डांस करने के लिए बोला. वो मना करने लगी. पर जब मैंने जिद की, तो वो मान गयी. हम मस्त डांस करने लगे. अब आंटी बोली – चलो खाना खाने चले. मैं बोला – आंटी घर ही मंगवा लो. अपन यहीं मस्ती करते है. फिर उन्होंने खाना आर्डर कर दिया और खाना आने तक हमने डांस किया. फिर खाना आने के बाद, हमने खाना खाया और फिर आंटी बोली – बता, तुझे क्या गिफ्ट चाहिए. मैंने कहा – गिफ्ट की क्या जरूरत है. तो वो जोर देने लगी. तो मैंने उन्हें धीरे से प्रोपोज कर दिया. वो चौंक गयी और बोली – मैं तो मैरिड हु. तो मैं नाराज़ हो गया. झूठ मत का गुस्सा करने लगा. आंटी बोली – मुझे सोचने दे. बाद में बताती हु.
फिर मैं घर चले गया. नेक्स्ट डे, आंटी का कॉल आया. वो मार्किट जा रही थी और उन्होंने मुझे अपने साथ मार्किट चलने के लिए पूछा. मैंने ओके बोल दिया. फिर मैं रेडी हो गया और आंटी ने कार निकाली और बोली – चलो. हम मार्किट चले गया और मैं उनको पूछा, क्या लेना है? वो बोली – तेरे लिए कपड़े और कुछ घर का सामान और अपने लिए अंडरगारमेंट्स भी देखने है, पुराने वालो के हुक बेकार हो गये है ना. फिर हम कपड़ो की शॉप में गये. शॉप वालो ने कपड़े दिखाए. मैंने आंटी को बोला – आप आज बताओ. क्या लेना चाहिए. उन्होंने कहा – मुझे तुम्हारी पसंद के बारे में क्या पता. लेकिन, मेरे ज्यादा जोर देने पर, उन्होंने मेरे लिए कपड़े पसंद किये. फिर हम सामने ही अंडरगारमेंट की शॉप में चले गये. मुझे शर्म आ रही थी. आंटी ने शॉप वाले को अपनी साइज़ बताई और कुछ अच्छा दिखाने को बोला. फिर आंटी ने  मुझे बोला – अब तू बता, कि मैं कौन से लू? मैंने बोला – मुझे क्या पता? वो गुस्सा होने लगी और बोली – तेरे लिए कपड़े लिए थे ना मैंने. अब तू मेरे टाइम में ना बोल रहा है. मैंने २ पेअर सेलेक्ट किये, बहुत सेक्सी से. फिर आंटी ने वो बाई कर लिए. अब हम दोनों घर वापस आ गये. वो मुझसे बोली – अपने कपड़े चेक कर ले पहन कर. मैंने बोला – नहीं , घर जाकर कर लूँगा. फिर आंटी बोली – मुझे कैसे पता चलेगा, कि मेरी पसंद तुझ पर कैसे लगती है. मैंने बोला – अच्छा, एक शर्ट पहनता हु. लेकिन, आपको भी मेरे पसंद के कपडे पहन कर दिखाने पड़ेंगे. आंटी ने मना कर दिया. मैंने भी बहुत रिक्वेस्ट की. फिर आंटी ने मेरी बात मान ली और हम अलग – अलग रूम में गये और कपड़े पहन लिए. फिर उनकी आवाज़ आई. आकाश आओ. मैं गया और गेट खोल कर देखा.. ऊऊऊऊईईईईइमा.. ऊऊ … माय गॉड… देखा ही रह गया. उनकी पूरी वाइट बॉडी पर रेड कपड़े, सिर्फ ब्रा और पेंटी.. उनका चेहरा भी लाल हो रहा था.
फिर आंटी बोली – देख लिया. अब कपडे पहन लू. तो मैंने बोला – आप मुझे आंसर दो, मेरे प्रोपोज का. आंटी सोचने लगी और शरमा कर भाग गयी. मैं समझ गया और उनके पीछे गया और उनको पकड़ कर किस कर लिया. मैं किस करता रहा और वो भी अब मेरा साथ देने लगी थी. मैं उनके मस्त रसीले होठ चूस रहा था. करीब २० मिनट तक हमने किस किया. फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल दी और उनके बूब्स मेरे सामने थे. यारो… क्या मस्त बूब्स थे उनके… मैं दबा रहा था और मस्ती में चूस रहा था. फिर मैंने उनकी निप्पल को काटा और धीरे से वो बोली – आःह्ह्ह आहाहाहा ऊऊओईईई आकाश आई लव यू… आकाश… और करो.. प्लीज अच्छा लग रहा है… अहहहः अहहहः ऊऊओ ऊउह्ह्ह्ह .. मज़ा आ रहा है. आकाश मज़ा आ रहा है… चूस लो मुझे आज पूरा का पूरा… मैंने ने उनके निप्पल को नहीं छोड़ा और मस्त में चूसने लगा. फिर उन्होंने मेरी पेंट में हाथ डाल दिया. मेरा तो कब से खड़ा था. वो बोली – इतना बड़ा.. आआआआआ … आपके भैया का तो छोटा सा ही है. फिर उन्होंने मुझे मेरी जीन्स से अलग कर दिया, जो उन्होंने मुझे गिफ्ट में दी थी. फिर अंडरवियर उतारे बिना ही, मेरा लंड मुह में ले लिया…. अहहहः …. फ्रेंड…. क्या मस्त फीलिंग थी. किसी लड़की ने मेरा फर्स्ट टाइम अपने मुह में लिया था… वो मेरे लंड को मस्ती में आगे – पीछे कर रही थी और मेरे लंड को काट रही थी. मैं उनको बोल रहा था – धीरे से आंटी … प्लीज धीरे से… अहहहः अहहहह्हा अहहहहः … वो बोली – हाँ स्वीट हार्ट… आराम से ही चुसुंगी… अहहहः… वो फिर से मेरे लंड की चूसने लग गयी.
फिर, मैंने उसकी पेंटी उतारी और उन्होंने मुझे नंगा किया. हम दोनों ६९ पोजीशन में आ गये. वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उनकी चूत, मस्ती में चूस रहा था. बड़ा ही मज़ा आ रहा था. आंटी अपने हाथो से मेरे सिर को अपनी चूत में घुसा रही थी. वो बोल रही थी… आकाश चूस.. पूरा का पूरा चुस ले. बहुत दिनों से प्यासी है ये चूत. मैंने उसके चूत के दाने को अपनी जीभ से टच किया, तो वो उछल पड़ी और बोली – वाह आकाश, बहुत मज़ा आ रहा है. मुझे भी मज़ा आ रहा था. चूत के दाने को टच करते ही, वो बहुत गरम हो गयी और उन्होंने मेरे लंड पर अपने दांत गडा दिए. मेरी चुसाई इतनी जबरदस्त थी, कि वो एकदम से मेरे मुह में ही झड़ गयी और मैं उनका पूरा माल पी गया. वो बोली – आकाश, मुझे भी तुम्हारा माल पीना है. मैंने उनको बोला, पहले इसे जोर से तो हिलाओ. वो मेरे लंड को जोर से हिलाने लगी और मेरा माल भी निकल गया. उन्होंने मेरे लंड की अपने मुह में ही डाले रखा और मेरा पूरा माल पी गयी और एक बूंद भी जाया नहीं होने दी. वो उठने लगी, तो मैंने बोला – आंटी कहाँ? वो एकदम से गुस्सा हो गयी और बोली – मुझे आंटी मत बोलो. वो बाहर गयी और थोड़ी देर बाद आई और मैंने देखा, तो उनके हाथ में सिंदूर था. फिर वो मुझसे बोली – मेरी मांग भर दो. मैंने भी कर दिया और वो बोली – अब मैं तुम्हारी आंटी नहीं वाइफ हु. फिर मैंने उनको प्यार से हग किया और वो बोली – अब हम सुहागरात मनाएंगे. मैंने बोला – ओके, मेरी डार्लिंग.. चलो आप लेट जाओ. वो लेट गयी और फिर उन्होंने अपनी टांग उठा दी और मुझसे बोली – आप डाल दो अन्दर अपना. मैंने एक धक्का मारा और मेरा आधा लंड अन्दर चले गया. उनकी चूत थोड़ी खुली थी, क्योंकि अंकल काफी सेक्स करते थे.
उसके साथ उन्हें ज्यादा दर्द भी नहीं हुआ. मैंने फिर एक और झटका मारा और मेरा पूरा लंड अन्दर चले गया. वो चिल्ला उठी आआआआअह्हह्हह .. ईईईईईईईईईईईईई माआआआअ… मर गयी ईईईईईईईएस्सस्सस्सस्सस्सस्स… बहुत दर्द हो रहा है आकाश… डार्लिंग प्लीज धीरे करो… मेरी जान निकल रही है. मैं उसको जल्दी – जल्दी शॉट मारने शुरू किये और वो मुझे कसकर पकडे रही…. अहहहहः अहहहहः अह्ह्ह्हह बस बस बस बस बस धीरे – धीरे – धीरे – धीरे …ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊईईईईइमा मर गयी. मैं उसे मस्ती में चोद रहा था. मुझे बोल रही थी … अह्गाआ चोदो मुझे.. मस्त चोदो मुझे… मैं उसे मस्ती में झटके मार रहा था. उसकी चूत बहुत ज्यादा टाइट तो नहीं थी, लेकिन  उतनी खुली भी नहीं थी. कि किसी लंड को मज़ा ना दे सके. मेरा लंड उसकी चूत की जड़ तक जा रहा था. वो जब भी मैं अपने लंड को बाहर खिचता, तो उसके मुह से तेज साँस एक सिसकी के साथ बाहर आई और मुझे अगला शॉट और भी जोर से मारने को प्रेरित करती. मेरी इस जबरदस्त चुदाई में, वो ३ बार झड़ चुकी थी. मैंने बोला – आंटी मैं भी झड़ने वाला हु. वो बोली – मेरे अन्दर ही निकालना.. मैंने बेबी चाहिए अपना.. मैं अन्दर ही झड़ गया और फिर क्या हुआ, वो मैं अपनी नेक्स्ट स्टोरी में बताऊंगा. मुझे बताना, कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी. मैं आपके कमेंट का वेट करूँगा और आगे की कहानी भी बताऊंगा….

Girlfriend Ki Ma Ki Chudai

Hi dosto, mera naam Vikas Kumar Yadav hai or main Chapra, Bihar ka rahne wala hu. Dosto, muje chut me or gaand me lund dene me bada maza aata hai. Meri ek girlfriend bhi hai. Uska naam Sukumari hai. Wo ek Oriya ladki hai. Is ladki ki chut me, maine pata nahi kitni baar bhi lund diya hai. Uske ghar par bhi mujhe sab jaante hai or wo log mujhe uska sirf dost hee samjhte hai. Maine isi baat ka fayada utha kar, pata nahi kitni baar uski chut me usi ke ghar par lode se uski khudai ki hai.
Lekin, aaj main aapko uski ma ki chut me apne lode ko dene ki baat batane ja raha hu. Uski ma ka naam Sonam hai or wo kisi bhi angle se 35 saal ke upar ki nahi lagti hai. Wese to wo hai 35 ke upar ki. Lekin, usne apni gaand or chuche or shrir ko kasav ko abhi tak banakar rakha hua hai, ki wo aaj bhi jawan dikhti hai. Uske chuche bade, gol or lachile hai. Maine ek – do baar, jab wo ghar ke bahar kapade do rahi thi. Tab upar ki nagol se dekha tha. Upar se uske chucho ke bich ki gali bahut hee madak dikhti thi. Lekin, Sukumari ke saath hone se main jyada dekh nahi pata tha. Yah baat June’ 2012 ki hai. Shanichar ka din tha or college se hum log jaldi ghar aa gye the. Sukumari ne mujhe us din ghar me uski chut me louda daalne ke liye, padhai ke bahane se bulaya tha.
Main, jab chut me lund dene ke sapne dekhta hua; uske ghar pahucha. To Sonam aunty ne bataya, ki Sukumari to Anjili or Jamila ke saath pizza khane ke liye chali gyi hai. Main man-hee-man chid gya, ki saali mujhe chudai ke liye bulati hai or khud pizza ki ma chodne ke liye chali gyi. Main wahin warande se nikalne wala tha, lekin Sonam aunty ke kahne par main andar aa gya or betha. Maine Sukumari ko wahin se phone kiya or usne kaha – ki use aane me abhi deri hai or abhi 1 ghanta or lagega. Usne mujhe isharo- hee – isharo me wait karne ko kaha. Saali ki chut me khujli thi, to pizza khane ke liye kyu gyi thi? Mujhe gussa aa raha tha, lekin Sonam aunty khadi thi; isliye maine aaram se baat ki. Sonam aunty tabhi mere liye pani lekar aa gyi or maine samne wale sofe par baeth gyi. Maine dekha, ki Sonam aunty ka long gown piche se fata hua tha or andar se unki kali penti dikh rahi thi. Bahut saari aurato ko aese khule me ghumne ka sukh hota hai.
Mera lund to wese bhi chut me jane ko tyar hee tha or aunty ki penti ko dekhkar, to main or bhi horny ho gya. Aunty ko maine uncle ke bare me pucha. Aunty ne bataya, ki ghar ke naukar Shamu dada ke yahan shadi hai. Isliye uncle wahan gye hai. Ghar me us wakt aunty or mere alawa koi nahi tha. Or ek kahawat ke anusaar, mere dil me shaitan jaag chukka tha. Lekin  maine socha, yadi ma ko ched; to beti ki chut se bhi haath dona padega. Tabhi aunty uthkar mere liye seb kaat kar le ayi or ab ki baar, wo mere pass aakar beth gyi.
Mujhe Sonam aunty ka ye kadam shak peda karna wala laga. Usne apni jangho ko meri jangho se satakar rakh hua tha. Meri sanse fulne lagi or mera lund bhi. Main aunty se nazre nahi mila paa raha tha, kyuki mere dil me khot thi uski chut ko chodne ki. Lekin, jab maine aunty ki tarf dekha, to wo bhi nazre chura rahi thi. To kya Sonam aunty bhi mujhse chudwana chahti thi. Maine man me socha, chalo dekhte hai; ki buddi ghodi kahan tak bhagti hai or bhagati hai. Maine halke se apni jangh ko aunty ki jaangh se or sata diya. Aunty kuch nahi boli, mere hosh to tab udhe. Jab aunty ne kaha – chalo vikas, bedroom me bethte hai. Yahan garmi hai. Maine wahan AC chala deti hu.
Main Sonam aunty ki chut ki khujli bhamp gya. Aunty mere aage chal rahi or main uski idhar se udhar matak – matak kar chalti matke jese gaand ko dekh raha tha. Aunty ne mujhe bethaya or AC on kar diya. Mujhse raha nahi gya or aunty jab switch ke pass thi. Tabhi maine khade hokar table se magazine is tarh se uthayi, ki mera lund unki gaand se touch ho gya. Aunty kuch bhi nahi boli, lekin mere lode ki garmi use jarur mahsus hui hogi. Maine janbhujkar ek – do magazine tatole. Taki, lund or gaand ka connection thodi der tak jama rahe. Aunty naa to kuch bol rahi thi or naa hee apni gaand hata rahi thi. Maine magazine ko waps rakha or sidhe aunty ki kamar ke upar haath rakhkar use sahlane laga.
Aunty ki sanse phul chuki thi. Shayad, uski chut bhi mere jese jawan lode ka sahwas mang rahi thi. Anuty ne aaj mouka dekha or apni chut ko mere loud eke ras me bhigane ka fesla kar liya tha. Maine apne haatho ko ab aunty ki kamar se uthakar unke boobs par rakh diye. Aunty boli – Vikas, kya kar rahe ho? Maine kaha – kuch nahi aunty, aap bahut pyari ho? Isliye apko pyar kar raha hu. Anuty ne hansi se mere jawab ko chudai ki muhar laga dee. Mujhe uske hasne se hee pata chal gya tha, ki use bhi lund ki khurak apni chut me lene ka man tha. Maine uske goun ko uthaya or circus ke tambu ke jese gaun ko uthate hee, aunty ki lal bra or kali penty mere samne aa gye.
Aunty ne bra – penty ke upar hee gaun daal rakha tha. Maine aunty ke kande ko pakadkar unko apni tarf ghumaya or dhire se unke boobs ko pakad liya. Aunty ke boobs bade the, lekin lachile or andar se sakht the. Maine piche haath le jakar bra ka huk khol diya. Bilkul kisi jawan aurat ki tarh hee aunty ke chuche bahut mast the. Maine chucho ko thoda masalne ke baad, apna muh unke upar rakh diya. Ahhh, aunty ki sexy nipple mere muh me thi… sach batau dosto, Sukumari ke chuche se to uski ma ke chuche jyada acche the. Maine jor – jor se dono chucho ka raspan kiya or aunty mere shirt ke button kholne lagi.
Dekhte hee dekhte, aunty ne mujhe nagan kar diya. Wo mere lund ko apne haath se mal rahi thi or mujhe uske aesa karne se bahut hee maza aa raha tha. Aunty ne lund ke supade ko apne dono haatho ke bich me pakada or jese wow o belan ko ragad rahi ho.. wese ragad rahi thi. Mujhe aunty ka ajib khel samjh nahi aaya. Lekin usme maza bahut bhara hua tha. Sonam aunty ki penty ko ab maine shire se utara. Uski chut me chandi jesi chamak thi. Saali, aunty baal bhi nikaal kar bethi hui thi.
Maine aunty ki chut me dhire se apni ungli daali or ungli ke charo tarf mujhe chiknahat or garmi ka ahsas ho raha tha. Aunty ne apni aankhe band kar dee. Uske liye, yah shayad asahy ho chala tha. Maine ungli ko jara jor laga kar puri ke puri uski chut me de diya tha. Aunty ahahahahah ahahahaha oohhhhh ahahahahaha hmmmmm mar gyi or jor se …. Ese hi karte raho… kar rahi thi or maine uski chut ko apni ungli se mast chod raha tha. Aunty ab bistar ke upar let gyi thi or wo bistar se chipk cukti thi. main jakar uski dono tango ke bich me beth gya tha. Main itni chikni chut dekhkar, usme jaban dalne ka mouka haath se jaane dena nahi chahta tha.
Maine sidhe apni gardan ko jhukaya or aunty ki chut me jaban daal dee. Aunty ki ahahah ahahaha or bhi tej ho gyi thi, maine dhire – dhire kar ke puri juban ko chut me ghusa diya. Aunty ne mere mathe ke baalo lo noch dala. Use bhi is sexy mukhmathun se maza aa raha tha. Maine aunty ki dono jaangho ko pakada hua tha or main uski chut ki gahrayi tak apni jaban se jese chumban de raha tha. Aunty ahahah ahahaha ooooohhhh …. Vikassssss …aaaaa Vikaaaasssss… maza aa raha hai. Ooooo hmmmm… aese hee karte raho.. wah .. maza aa raha hai.. please please. aese awaz nikal rahi thi. Aunty ki chikni chut ko chatne ka apna ala ghee maza tha, dosto. Maine sukumari ki chut bhi angina baar chati thi, is se pahle.
But, shayad main un bahut kam logo me se ek tha. Jinhone ma or beti dono ki chut ko chatne ka sobhagya paya tha. Aunty bhi ab mast mastiya ho gyi thi. Usne mere badi julfo ko nochkar kharab kar diya tha. Maine ab khade hokar apna lund Sonam aunty ke muh ke karib rakh diya. Sonam aunty ko pata tha, ki kya karna hai or usne sidhe lund ke supade ke upar apni jaban ko fera or apni chut me ungli daal dee. Usne sidhe lund ke supade ke upar apni jaban peri or apni chut me ungli daal dee. To ek tarf apni chut me ungli kar rahi thi or idhar mere lund ko chus rahi thi. Aunti ne bahut hee tarike se lund ko chusa tha. Wo jese ki straw se kuch pee rahi ho. Wese lund ko khich – khich kar chus rahi thi. Maine bhi aunty ke muh ko dono hatho ke bich me liya or apne lund ko jor – jor se dhakke lagane laga. Aunty ke muh se thuk nikal kar usko hotho ke side se bahar aa raha tha. Uske muh ki ma chud gyi thi.
Maine lode ko ab aunty ki chut ke upar rakha or dhire – dhire kar ke pura lund aunty ki chut me ghused diya. Sonam aunty aahahaha aaaaahhh aaaaaarrrrrrr… karti rahi or main jor – jor se uski chut ko ched raha tha. Aunty ki chut ki garmi mere loud eke upar maze mahsus ho rahi thi. Aunty ki chut ke andar, jab pura lund jaata tha. To wo mere lund ko andar kas leti thi. Mere lund ke upar ajab ka dawab aa jaata tha or upar se chut ki garmi. Sahi me, badi chudkat thi wo, meri girlfriend Sukumari ki ma. Maine ab Sonam aunty ki tango ko thoda upar kiya or phir unhe uthakar apne kandhe ke upar rakh diya. Sonam aunty ki chut me, mera lund us wakt dhara ka dhara hee hua tha. Maine aunty ki dono tango ko kandhe par rakhte hee, aunty ki chut ke andar jese mera lund or bhi dhas gya.
Mujhe laga ki chut ke andar lode ko or ghusane me safal hua tha. Ab maine aunty ke ghunto ke piche wale hisse me apne haath diye or maine jor – jor se aunty ki chut ko maarne laga. Sonam aunty bhi jaese aaj lund ko parast karne ke mood me thi. Wo bhi barabar ka wild wala saath de rahi thi. Usne bhi chut utha – utha kar mujhse chudai karwayi. 10 minute ki hardcore chudai ke baad, jab mera lund pani chodne wala tha. Tabhi aunty ne mujhe lund chut se bahar nikalne ko kaha.
Jese hee, maine lode ko chut se bahar nikala. Aunty niche beth ke muh ke andar lund lekar use jor – jor se chus dene lagi. Chut me se nikalne lode ko pani chodne me jara bhi der nahi hui or yah bukhi sherni jesi Sonam aunty, mera saara muth pi gyi. Hamne kapade pagan liye or Sonam aunty mere liye nashta lekar aayi. Kuch minute baad, Sukumari bhi aa gyi. Maine ek ghante ke baad, uski chut ko bhi lund se de maara. Ab, main aksar jab uncle nahi hote, tab unke ghar aata – jaata rahta hu. Sukumari mili to thik; nahi to aunty ki gaand or chut mere swagat me hamesha me hee khuli rahti hai.

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Wednesday, July 27, 2016

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जीजा ने मेरा जिस्म जगाया ( Jija Ne Mera Jism Jagaya )


प्रेषिका : नीना
मेरा नाम नीना है, मैं बी.सी.ए की छात्रा हूँ, मेरा काम कंप्यूटर से जुड़ा है, मैं पाँच फुट पाँच इंच लंबी हूँ, सेक्सी हूँ जवान हूँ, जवानी मुझ पर जल्दी आ गई, रहती कसर मेरे सगे जीजू ने पूरी कर दी।आप सभी को kahaniya024.blogspot.com    helik024@gmail.com  डॉट कॉम पर मेरी ये कहानी में बताने जा रहा हूँ ।
हम तीन बहने हैं, मैं नंबर तीन की हूँ, कोई भाई नहीं है, दोनों बहनें शादीशुदा हैं, उनकी शादी के बाद मैं अकेली और लाडली बन गई। हम रहते तो शहर में थे मगर गाँव में हमारी काफी ज़मीन है, दादा-दादी गाँव में रहकर नौकर चाकरों पर नज़र रखते हैं, पापा सुबह गाँव जाते, शाम को लौटकर आते।
मेरे बड़े जीजा की उम्र होगी बयालीस साल की, लेकिन उनके पुरुष अंग में जो दम अभी है वो सिर्फ मैं बता सकती हूँ, या वो बिस्तर जिस पर को किसी लड़की को चोदते होंगे।
वो अक्सर हमारे यहाँ आते रहते थे, उनका कपड़े का व्यापार है, वो माल लेने के लिए दिल्ली और लुधियाना अक्सर आते जाते थे।
बात तब से शुरु हुई जब मैं अठरह की हुई, शीशे में अपने नाज़ुक कूल्हे, सफेद मलाई की तरह चिकने दूध और जांघें देख अपने पर आते तूफ़ान का अंदाजा होता। जीजा का मेरे साथ काफी हंसी मज़ाक चलता था, वो मुझसे इतने बड़े थे कि किसी ने सपने में भी ना सोचा होगा कि कभी हमारे जिस्म मिल सकते हैं।
जीजू जब आते उनकी नज़र मेरे उभारों पर रुकने लगती, उनकी आँखों में वासना रहने लगी, कभी आँख दबा देते तो मैं शर्म से लाल गाल लेकर वहाँ से भाग जाती थी। तब वो मेरी देह को आँखों से जगाने लगे इशारों से जगाने लगे।
नतीजा यह हुआ कि मेरे पाँव उनके फिसलाने से पहले ही बाहर फिसलने लगे। हमारे ही घर के पास सतीश का घर था, उसके बाप का बहुत बड़ा कारोबार था, आये दिन उसके नीचे कोई नई कार होती, जब उसके घर के आगे से गुज़रती उसकी शैतानी नज़रों से मेरी नज़र एक बार मिलती पर मैं चेहरा नीचे कर चल आती। उसने मेरा छुट्टी का समय नोट किया हुआ था। चाहती तो मैं भी उसे थी, बस मोहल्ले के डर से एक कदम आगे नहीं बढ़ा पाती थी, उसका बड़ा भाई अमेरिका में था उसके माँ पापा कभी भारत, कभी अमेरिका में रहते थे।
उन दिनों वो अकेला रहता, खूब ऐश परस्ती करता। उधर जीजा ने खुद को नहीं रोका, वासना भरी आँखों से जब मुझे देखता मेरे अंदर अजीब सी हलचल होने लगती।
एक दिन उसने ऐसे हालात बना कर मुझे बाँहों में कस लिया, मुझे सहेली की बर्थडे पार्टी में जाना था, मैंने दीदी का सेक्सी सा सूट मांगा, पहन कर तैयार हो रही थी उनके ही कमरे में ! दीदी मम्मी के साथ मार्केट गई थी, जीजा ने मुझे पीछे से बाँहों में दबोच सीधा हाथ मेरे बगलों के नीचे से मेरे दोनों मम्मों पर रख मसल दिए, ब्लोए- मोना डार्लिंग, आज मेरा मूड है !
कह मेरी गर्दन पर होंठ लगा दिए।
मैं सिसकार पड़ी- जीजा, क्या कर रहे हो?
जीजा ने मुझे छोड़ा- सॉरी, मुझे लगा तेरी दीदी है, यह उसका सूट है।
जीजा के हाथ मम्मों से नीचे चले गए थे, अचानक बोले- खैर साली भी आधी घरवाली होती है !
कमर पर हाथ डाल मेरे चिकने पेट को सहलाने लगे।
“मुझे जाना है जीजा !” मैं भाग निकली।
लेकिन अंदर से जलने लगी, मेरी जवानी जगा दी जीजा ने।
जब सतीश के घर की आगे से निकली उसने पत्थर में लपट कागज़ फेंका मेरे काफ़ी आगे, जब वहाँ से निकली तो झुकी और उठा कर पत्थर फेंक कागज़ को ब्रा में घुसा आगे निक गई।
सहेली के घर जाकर वाशरूम में घुस कर कागज खोला, उस पर उसका मोबाइल नंबर था और आई लव यू लिखा था।
जब बाहर आकर मैंने सहेली से कहा तो वो बोली- मना मत करना ! अब तू भी एडवांस बन जा बन्नो ! उड़ने वाली कबूतरी बन !
उसने मुझे कहा- मैं अभी व्यस्त हूँ, मेरे कमरे से उसको फ़ोन कर ले !
जब मैंने फ़ोन किया तो वो बहुत खुश हुआ, बोला- मिलना चाहता हूँ, जब मैं तेरे सेक्सी मम्मों को कपड़ों में कैद आजादी के लिए तरसते देखता हूँ तो मेरा अंग खड़ा होने लगता है।
“सतीश ! आप भी ना बाबा ?”
“सच कहता हूँ, यहाँ से निकल ! मैं अकेला हूँ ! आज तेरे पास सही बहाना है !”
“लेकिन दिन में आपके घर कैसे घुसूँगी? सतीश, हम एक मोहल्ले के रहने वाले हैं।”
इसमें क्या बात है, मेरी कार के शीशे काले हैं, मैं लोंगों वाले मंदिर के पीछे से तुझे ले लूंगा, कार सीदी पोर्च में और फिर कोई डर नहीं !”
मैं फिसलने वाले रास्ते पर चलने को चल निकली, उसके घर पहुंच गई।
क्या बड़ा सा मस्त घर था ! वो मुझे अपने कमरे में ले गया, मेरा हाथ पकड़ा अपने दिल पर रख कर बोला- देख रानी, कैसे तेरे लिए धड़क रहा है।
उसने पीछे से कमर में हाथ डाल एक हाथ मेरे मम्मे पर रख बोला- क्या तेरा भी? क्या तेरा तो दाना कूद रहा होगा?
“आप भी ना !”
उसने मुझे लपका और मुझे बिछा मेरे ऊपर सवार होने लगा। पहले कपड़ों के ऊपर से मेरे रेशमी जिस्म का मुआयना किया फ़िर धीरे धीरे मुझे अपने रंग में रंगते रंगते एक एक कर केले के छिलके की तरह मेरे कपड़ों से मुझे आज़ाद किया।
मैं पहली बार ऐसे नजरिये से खुलकर किसी लड़के के नीचे नंगी हुई पड़ी अपनी जवानी लुटवाने को तैयार पड़ी थी।
मैं फिसलने वाले रास्ते पर चलने को चल निकली, उसके घर पहुंच गई।
क्या बड़ा सा मस्त घर था ! वो मुझे अपने कमरे में ले गया, मेरा हाथ पकड़ा अपने दिल पर रख कर बोला- देख रानी, कैसे तेरे लिए धड़क रहा है।
उसने पीछे से कमर में हाथ डाल एक हाथ मेरे मम्मे पर रख बोला- क्या तेरा भी? क्या तेरा तो दाना कूद रहा होगा?
“आप भी ना !”
उसने मुझे लपका और मुझे बिछा मेरे ऊपर सवार होने लगा। पहले कपड़ों के ऊपर से मेरे रेशमी जिस्म का मुआयना किया फ़िर धीरे धीरे मुझे अपने रंग में रंगते रंगते एक एक कर केले के छिलके की तरह मेरे कपड़ों से मुझे आज़ाद किया।
मैं पहली बार ऐसे नजरिये से खुलकर किसी लड़के के नीचे नंगी हुई पड़ी अपनी जवानी लुटवाने को तैयार पड़ी थी।
उसने अपना लौड़ा निकाला और मेरे हाथ में देकर बोला- देखो कितना बेताब है तेरी बेनकाब जावानी देख कर ! देख कैसे हिलौरें खा रहा है !
पहले मुझे अजीब लगा लेकिन जब मैंने शर्म को परे कर उसके लण्ड को सहलाया तो मुझे मजा आने लगा।
उसने थूक से गीली कर ऊँगली को मेरे दाने पर रगड़ी तो मानो मुझे स्वर्ग दिख गया हो।
“मजा आता है मेरी छमक छल्लो?”
“बहुत सतीश ! मुझे बहुत मजा आने लगा है !”
“हाय मेरी जान ! घूम जा !”
उसने लौड़ा मेरे होंठों पर रगड़ा और बोला- खोल दे अपना मुँह !
जैसे ही मैंने मुँह खोला, उसने मेरे मुँह में अपने सख्त लौड़े को घुसा दिया, पहले अजीब सा महसूस हुआ मगर अगले ही पल जब उसकी जुबान मेरे दाने को छेड़ने लगी, चाटने लगी तो मुझे उसका लौड़ा स्वाद लगने लगा।
उसने अपनी जुबान घुसा दी मेरी अनछुई फ़ुद्दी में और घुमाने लगा।
मैं तड़फ कर उसके लौड़े को चूसने लगी, आज पहली बार एहसास हुआ कि यह जवानी छुपानी नहीं चाहिए, इसका आनन्द लेना चाहिए जिसमें इतना मजा है।
कुछ देर की इस काम क्रीड़ा के बाद उसने मेरी चूत आज़ाद की और टाँगे फैलवा कर अपना लौड़ा मेरे छेद पर रख घुसाने लगा।
दर्द से भरा यह मीठा एहसास दर्द को भूल आनन्द को तरजीह देने लगा/
जल्दी उसका लौड़ा खुलकर मेरी चूत में घुसने-निकलने लगा। उसने पास पड़े अपने अंडरवीयर से अपना गीला लौड़ा साफ़ किया और खून साफ़ कर दुबारा घुसा दिया।
“हाय करो मेरे राजा ! बहुत सुख मिलता है !”
“आज से तू मेरी जान बन गई है नीना ! तुझे नहीं मालूम कब से इस पल का इंतज़ार था, तेरे ये बड़े बड़े मम्मे रोज देखता था, जी जल उठता था !”
उसने बातों के साथ साथ मेरी चुदाई नहीं रोकी।
“फाड़ डालो मेरे राजा ! चाहती तो मैं भी थी, बस डर और शर्म मिलकर मेरे कदम रोक देते थे !”
“चल पलट !” उसने मुझे पलटा, मेरी एक टांग उठाई और अपना लौड़ा तिरछा करके दुबारा घुसा दिया। मुझे अपने अंदर गर्म गर्म सा महसूस हुआ, मैं झड़ने लगी थी, जल्दी मेरी गर्मी से उसका रस पिंघल गया और दोनों ने एक दूसरे को कस के जकड़ कर अंतिम पल का खुलकर आनन्द उठाया, अलग होकर मैंने कपड़े पहने।
उसने जाती जाती के होंठ चूम लिए।
“यह सब सही था क्या?”
“हां रानी, क्यूँ नहीं सही था? सब सही था ! जवानी होती है मजे लेने के लिए !”
“मुझे कभी धोखा मत देना !”
“कभी नहीं !”
उसने कार निकाली थोड़ा सा आगे जाकर इधर-उधर देखा और मुझे उतार दिया।
जीजा ने जवान साली के जिस्म को हंसी मज़ाक में अपने स्वाद के लिए जगाया था, उसको सतीश ने आज कुछ देर के लिए सुला दिया था।
घर आई तो जीजा मिल गया।
पता नहीं जीजा इन कामों में कितना हरामी था, बोला- क्या बात है, आज तेरी चाल में फर्क है?
“नहीं तो? तुम भी जीजा जो मर्ज़ी बोलते हो?”
“साली, जिंदगी देखी है ! बोल यार के नीचे लेटकर आई हो ना?”
“शटअप जीजू ! आप भी न !”
“साली कपड़े देख अपने ! आज अंदरूनी कपड़े पहन कर नहीं गई? देख कैसे नुकीले हुए हैं?”
दिमाग में सोचा- हाय ! ब्रा वहीं रह गई थी ! उसने उतार फेंकी थी, शायद बैड के नीचे रह गई !
“उड़ने लगे रंग ना? पार्टी में गई थी या किसी कबड्डी के मैदान में? जाकर कपड़े बदल ले, नहीं तो साफ़ साफ़ पकड़ी जायेगी।”
पता नहीं जीजा इन कामों में कितना हरामी था, बोला- क्या बात है, आज तेरी चाल में फर्क है?
“नहीं तो? तुम भी जीजा जो मर्ज़ी बोलते हो?”
“साली, जिंदगी देखी है ! बोल यार के नीचे लेटकर आई हो ना?”
“शटअप जीजू ! आप भी न !”
“साली कपड़े देख अपने ! आज अंदरूनी कपड़े पहन कर नहीं गई? देख कैसे नुकीले हुए हैं?”
दिमाग में सोचा- हाय ! ब्रा वहीं रह गई थी ! उसने उतार फेंकी थी, शायद बैड के नीचे रह गई !
“उड़ने लगे रंग ना? पार्टी में गई थी या किसी कबड्डी के मैदान में? जाकर कपड़े बदल ले, नहीं तो साफ़ साफ़ पकड़ी जायेगी।”
जल्दी से कमरे में गई, दूसरा सूट निकाला, पहले कमीज़ उतारी, जल्दी से ब्रा डालने लगी, जीजा आ गया अन्दर, उसने रोक दिया- वाह ! लगता है उसने खूब मसले ! देख दांत के निशान ! हमसे मत छुपाया कर रानी ! हम इस खेल के मंझे हुए खिलाड़ी हैं !
जीजा ने मुझे लट्टू की तरह जोर से अपनी तरफ घुमाया और सीधे होंठ मेरे चुचूक पर टिका चूस लिया।
“जीजा, माँ-दीदी आने वाली हैं, पकड़े जायेंगे।”
“हमारे लिए ना और बाकी सब के लिए हां?”
“ऐसी बात नहीं है, सच में ! समय देखो !”
जीजा ने जोर से बाँहों में भींचा उनकी बाजुएँ सतीश से मजबूत थी, होंठ मेरे मम्मों पर रगड़ने लगे, मैं फिर से गर्म होने लगी।
जीजा मुझे चूमते हुए मेरे पेट पर चूमने लगे फिर धीरे से सलवार का नाड़ा खींच दिया, सलवार गिर गई वो भी वहीं बैठ पैंटी एक तरफ़ सरका कर चूत देखने लगे- साली, पकड़ी गई तेरी चोरी ! अभी चुदी हो ! ज्यादा वक़्त नहीं हुआ।”
मुझे शर्म सी आने लगी- आप भी ना?
“बता ना? यार से मिलकर आई हो ना? ताज़ी ताज़ी बजी है।”
“आपके पास यंत्र मंत्र है?”
“मेरे पास आ जा जान !” जीजा ने जिप खोल दी।
जैसे उन्होंने निकाला, मेरा मुँह खुला का खुला रह गया, इतना बड़ा इतना भयंकर लौड़ा, काले रंग का मोटा लौड़ा !
“जीजा मुझे नहीं तेरे संग लेटना तेरा लौड़ा बहुत ज़ालिम दिखता है !”
“रानी, अभी तो बच्ची है, तुझे मालूम होना चाहिए कि औरत मोटे से मोटा लौड़ा ही पसंद करती है, जिसका ख़ासा लंबा हो, तेरी दीदी इस पर मर मर जाती है, मगर जब से उसने बच्चा दिया है तब से वो ढीली हो गई है।”
“हाय जीजा, प्यार से मसलो इनको ! बच्ची हूँ अभी !”
जीजा मुँह में जुबान डाल जुबान से जुबान को लड़ाने लगे। मैं गर्म हो चुकी थी, उनका तरीका ख़ास था जिसने मुझे भुला दिया था कि मैं कुछ देर पहले ही चुदी हूँ, उनके हाथ बराबर मेरे मम्मों पर फिसल रहे थे, मस्ती से मेरी आँखें बंद थी।
“दीदी आ गई तो बवाल होगा !”
“साली साहिबा। डर मत !”
“आपका बहुत बड़ा है !”
“तेरे यार काबड़ा नहीं है क्या?”
“आप जितना नहीं है जीजा !”
“ले थाम इसको ! चूस !”
थोड़ी देर चूसने बाद रुक गई मेरा जबाड़ा थक गया तो जीजा ने मेरी टांगें फैला दी, पाँव की तरफ जाकर चूत चाटने लगे। मैं पूरी नंगी थी, जीजा जी की सिर्फ जिप खुली थी, रुकना जीजा !”
मैं उठी, जब चली तो जीजा बोला- हाय मर जाऊँ ! तेरी मटकती गांड ! साली, तेरी इस हवाई पटी पर हर कोई जहाज उतारना चाहेगा।
मैंने अपने कपड़े बाथरूम के पीछे टांग दिए, वापस गई तो जीजा ने लपक लिया, वो जहाज उतारने की पूरी तैयारी कर चुके थे, कंडोम पहन रखा था।
“यह क्या जीजा?”
“इससे तेरे अंदर मेरा बीज नहीं गिरेगा ! इसे निरोध कहते हैं रानी, कंडोम भी !”
“जीजा, आप बहुत गंदे हो !”
“साली जो चाहे कह ले, यह तो आज घुसेगा ही घुसेगा !” जीजा ने अभी सुपारा ही घुसाया कि मेरी जान निकलने लगी।
थोड़ा और किया।
सतीश से मेरी झिल्ली पूरी नहीं फटी थी क्यूंकि जीजा ने कपड़े से मेरी चूत साफ़ की तो उस पर चूत का रस और खून था।
मेरे होंठ दबा जोर का झटका दिया- मर गई !
मुझे लगा कोई खंजर मेरी चूत में घुसने लगा।
रहम नहीं खाया जीजा ने मेरे ऊपर !
तभी दरवाजे की घण्टी बजी और हम घबराने लगे।
जीजा ने दर्द से कराह रही अपनी साली को यानि मुझे छोड़ा- तू बाथरूम में घुस जा !
उन्होंने कपड़े नहीं उतारे थे, जल्दी से चादर की सलवटें ठीक की, मैं बाथरूम गई, बुरा सा मूड लेकर और दरवाज़ा खोला।
दीदी और माँ थी- इतनी देर?
“सो रहा था जानू !”
“नीना नहीं आई अभी सहेली के यहाँ से?”
“शायद आ गई।”
मैंने नहा धोकर कपड़े पहने, तौलिए से बाल पोंछती निकली
“आ गई?”
“दीदी ! हाँ आ गई !””तू कब आई बेटी?”
“बस माँ, आपके आगे आगे ही लौटी हूँ ! जीजू सो रहे थे तो मैंने जगाया नहीं, इसी लिए कुण्डी लगा कर नहाने चली गई/”
जीजू की नज़र में प्यासी वासना थी, खूबसूरत साली को नंगी करवा कर उसके एक एक अंग से खेल जब मंजिल की तरफ बढ़े तो निकालना पड़ा।
जीजा बोले- नीना, यह दोनों तो बाज़ार घूम आई, मैं सुबह से बोर हो रहा हूँ ! चल कहीं पानी-पूरी या चाट खाकर आयें !
दीदी से बोले- चलेगी क्या?
वो बोली- अभी थकी आई हूँ ! तुम जाओ !
जीजा तो धार कर बैठे थे कि आज नहीं छोड़ने वाले !
एक सुनसान सड़क पर कार रोक मुझे चूमने लगे !
“जीजा, यह क्या?”
“बस चुपचाप पिछली सीट पर टाँगें उठा कर लेट जा !”
“यहाँ !”
“हाँ रानी !”
“यहाँ नहीं जीजा ! कहीं पुलिस ने पकड़ लिया तो बदनाम होंगे। सोचो, घर में इतना घबरा गए थे ,यहाँ क्या होगा?”
“सही बात कहती है, पर एक बार पानी निकलवा दे !”
मैं उनकी मुठ मारने लगी, झुक कर बीच में चुप्पा भी लगा देती।
जीजा मेरी चोटी पकड़ कर मेरा सर आगे पीछे करने लगे।
अचानक उन्होंने अपने हाथ में लेकर मुठ मारनी चालू की और मेरे बालों को नोंचते दबा कर पूरा माल मेरे मुँह में निकाल दिया।
“जीजा, यह क्या मुझे उलटी हो जायेगी !”
“कुछ नहीं होगा, रात को तेरे कमरे में आऊँगा !”
“मगर दीदी?”
“उसके दूध में नींद की गोली मिला दूँगा, तू बस चूत को साफ़ सफाई कर तैयार कर ले !”
“जीजा, तू बहुत हरामी है !”
अचानक उन्होंने अपने हाथ में लेकर मुठ मारनी चालू की और मेरे बालों को नोंचते दबा कर पूरा माल मेरे मुँह में निकाल दिया।
“जीजा, यह क्या मुझे उलटी हो जायेगी !”
“कुछ नहीं होगा, रात को तेरे कमरे में आऊँगा !”
“मगर दीदी?”
“उसके दूध में नींद की गोली मिला दूँगा, तू बस चूत को साफ़ सफाई कर तैयार कर ले !”
“जीजा, तू बहुत हरामी है !”
“साली, जब तेरा जीजा पैदा हुआ था, उस दिन पड़ोस के गाँव में एक सौ एक हरामी मरे थे।”
“आप भी ना !”
“वैसे माल टेस्टी था ?”
“ठीक ठाक था !”
हम घर लौटे। खाने के बाद मैं सबके लिए दूध लेकर गई। दीदी वाले गिलास में जीजा की दी पुड़िया मिला दी।
मैं अपने बिस्तर में निक्कर और ब्रा में ही लेट गई, मैंने दरवाज़ा पूरा बन्द नहीं किया था।
मेरी आँख लग गई। रात के डेढ़ बजे जीजा मेरे कमरे में आया, कुण्डी चढ़ाई, कब मेरे बिस्तर पर आया मुझे पता नहीं लगा। जब मैंने अपनी नाभि पर किसी चीज़ का स्पर्श पाया तो मैं उठी- जीजा, आप कब आए?
“रानी, पांच मिनट पहले ! क्या बात है? लगता है जीजा के मूड का साली को ख़ासा ख्याल है, तभी इतने कम कपड़ों में लेटी है, तुझे अपने नीचे लिटाने का मेरा सपना आज पूरा हो रहा है।”
“तुम हो ही हरामी ! सच बोलना जीजा, जब तुमने मुझे बाँहों में लिया था दीदी के भलेखे में, तब तुम्हें मालूम था ना कि मैं हूँ?”
“हाँ रानी !”
जीजा ने मुझे पूरी ही नंगी कर दिया, खुद भी हो गया।
क्या चौड़ा सीना था, दिन में उन्होंने कपड़े नहीं उतारे थे, मैं जानदार मर्द के नीचे लेट कर सेक्स सुख प्राप्त करने की राह पर दूसरी बार खड़ी थी।
तभी जीजा ने अपना लौड़ा मेरे मुँह में ठूंस दिया, छोटा सा लौड़ा मेरे होंठों में आकर खड़ा होने लगा। देखते ही विशाल आकार ले गया। जब चूसना मुश्किल हुआ तो मैंने जुबान से उसको चाटना शुरु किया।
जीजा ने जल्दी अपना काम पूरा किया, कहीं दिन की तरह अब भी काम अधूरा ना रहे। जीजा और मेरे कमरे का बाथरूम सांझा था, दीदी जगती भी तो लगता जीजा बाथरूम में हैं। जीजा ने कंडोम चढ़ाया और घुसाने लगे।
चीरता हुआ लौड़ा मेरे बदन में घुस गया, मेरे होंठ जीजा ने अपने होंठों में ले रखे थे। जब तक मैं सामान्य नहीं हुई, जीजा ने छोड़े नहीं मेरे होंठ्।
आधा घंटा जीजा ने मुझे अलग अलग तरीकों से जम कर ठोका, बड़ी मुश्किल से उनका काम हुआ।
दीदी पढ़ाई आगे कर रही थी इसलिए वो यहीं रहती थी। जीजा का अपना बिज़नस था इसलिए वो वक़्त-बेवक्त आते और घर में पड़े रहते।
माँ सुबह ड्यूटी जाती, मैं कॉलेज ! दीदी अपने कॉलेज !
एक दो दिन छोड़ मैं एक आधा दिन क्लास लगा घर आ जाती और जीजा भी फिर बंद कमरे में रासलीला रचाते।
उधर जिस दिन जीजा से नहीं मिलना होता था, सतीश के घर चली जाती, मैं उस पर शादी का दबाव डालने लगी थी, जीजा ने मेरी देह को जगाया था और सतीश ने उसे आग लगाई थी, दोनों से खुश थी मैं।
तभी मेरी बातें इंटरनेट चैट पर दिल्ली के रहने वाले एक एम.पी के बेटे से होने लगी, उसका नाम राघव था। वेबकैम पर मैं उसको देख चुकी थी, उसने मुझे अपना मोटा लंबा लौड़ा दिखाया, मुझे भी वेबकैम पर आने को कहता।
आखिर एक दिन घर अकेली थी, मैंने उसको अपनी देह के दर्शन करवाए। मेरा रूप-रंग, जवानी देख वो मेरा दीवाना बन गया, मेरी खातिर वो फलाईट पकड़ मेरे शहर आ गया। वो एक बड़े होटल में रुका और मुझे कमरा नंबर दे दिया।
कॉलेज में पूरा बंक मार मैं उससे मिलने चली गई। मुझे देख वो बहुत खुश हुआ, उसने तोहफे में मुझे हीरे की अंगीठी दी, साथ एक महंगा मोबाइल।
मुझे देख उससे रुका नहीं गया और उसने मुझे बाँहों में भर लिया, चूमने लगा, सहलाने लगा।
मैं उसके आगोश में खुद बहकने लगी।
उसने पहले मेरा टॉप उतार फेंका, लाल रंग की अपलिफ्ट ब्रा में कैद मेरे बड़े बड़े मम्मे दबाये और फिर मेरी जींस उतारी।
मेरे एक एक अंग को उसने नथुनों से सूंघा, एक-एक अंग को प्यार किया। मैंने ताज़ी शेव कर चूत चिकनी कर रखी थी, उसने मेरी चूत पर पहला वार होंठों का किया, साथ ही जुबान नाम की मिज़ाईल चूत में दाग दी।
मैं गांड उठाने लगी, मैंने उसको अपने ऊपर खींचा और चूमने लगी, जंगली कुतिया बन उसे चूमने लगी।
मेरा गर्म रूप देख कर बोला- तू तो उससे भी ज्यादा मस्त निकली जितना मैं तुझे देख कर सोचता था।
मैंने उसके लौड़े को पकड़ कर मसला।
उसे क्या पता था कि जीजा ने मेरी देह को ऐसा जगाया था कि अब उसका सोना कठिन था। सतीश ने ऐसा दरवाज़ा खोला कि अब मेरा दिल दरवाज़े पर नये-नये मेहमानों की दस्तक पसंद करने लगा।
आज नया ही मेहमान था। जब मैंने उसका लौड़ा चूसा, उसका तो बुरा हाल होने लगा, मैंने खुद उसके लौड़े को अपनी चूत पर रगड़ा, उसने मेरा मूड गर्म देख जल्दी जल्दी से मेरी टांगें फैला दी और दरवाज़ा खटकाया।
“खुला है राघव ! खुला है।” उसने अपना लौड़ा उतारा। मैं आंखें मूँद एक नई सवारी को सैर करवाने लगी, उसने मुझे दीवार से हाथ लगवा खड़ा किया आयर एक टांग उठा कर घुसा दिया।
क्या जुगाड़ू था ! पूरा दिन उसके साथ बिताया।
अगले दिन उसकी दोपहर की फ़्लाईट थी दो बजे ! एक बजे तक हम साथ थे। वह महीने में दो बार आया और मुझे मसला। सतीश और जीजा पहले ही मुझे मसलते थे तो जवानी अब और बेकाबू होने लगी, मुझे पैसे-तोहफ़े का चस्का लग गया था।
अब मैंने इंटरनेट पर चंडीगढ़ के एक बंदे से बात करनी शुरु कर दी थी, उसका लौड़ा बहुत बड़ा और मस्त था, उसके साथ उसका दोस्त था, दोनों बहुत मस्त थे, मुझे वेबकैम पर नंगी देखा तो मिलने के लिए बेताब होने लगे।
मैंने मना किया तो बोले- क्या लोगी मिलने का? जो कहोगी दूँगा। प्रोग्राम बनाओ ! कहती है तो तेरे ए.टी.एम खाते में पैसे डलवा देता हूँ।
उसने मेरे खाते में दस हज़ार रुपये डाले, दोनों चंडीगढ़ से अपनी ही कार से मेरे शहर आये, एक आलिशान होटल में रुके। पहली बार में एक साथ दो बन्दों के साथ एक ही बिस्तर पर लेटने वाली थी। मुझे कमरे में देख उनके चेहरे खिल उठे।
“वाह ! जैसा देखा था, सोचा था, सामने से तो तू और खूबसूरत है रानी !” मेरे गाल पर लटकी बालों की लट को हाथ से उठाते उसने अपने होंठ मेरे लाल पतले होंठों पर रख दिए।
मैंने ब्रा से पर्स निकाला, एक तरफ़ रख और मोबाइल भी निकाला।
“हाय ! क्या खूब जगह है रखने की !”
सेंडल उतार उन दोनों के बीच लेट गई, एक-एक कर दोनों की शर्ट उतारी और उनमें से एक ने मेरा टॉप उतारा, काली ब्रा में गोरे मम्मे देख उनके खड़े हो गए। दूसरे ने मेरी जींस खींच कर उतारी। काली पैंटी में गोरी गाण्ड देख दोनों ही पागल हो गए। वो मेरे चूतड़ दबा कर चूमने लगे।
मैंने उनके लौड़े निकाले, दोनों के लौड़े बड़े थे, एक मेरे चूतड़ चूमता हुआ चूत चाटने लगा। मैंने दूसरे का मुँह में लेकर चूसा। वह तेरे जैसी मस्त रंडी पर तो लाखों कुर्बान ! ऐसा माल तो किसी दलाल ने नहीं दिलवाया था आज तक !
“ऐसी ही हूँ मैं राजा !”
तभी उनकी मंगवाई बीयर और दारु पहुँच गई। दारु पीकर दोनों और पागल हो गए, पहले एक ने घुसाया और चोदने लगा। तभी दूसरे ने लौड़ा मेरी गाण्ड में दे दिया। मैं दर्द से तड़फने लगी, लेकिन उसने पैसा दिया था तो उसको वसूल भी करना था।
जल्दी ही एक साथ दोनों छेदों में लौड़े घुसवा कर आज मैं पूरी पूरी रण्डी बन कर तैयार थी, एक साथ दोनों छेदों का मजा लूटने लगी।
पूरा दिन होटल में चुदने के बाद घर लौटी, चोदने के बाद तीस हज़ार और दिए मुझे उन्होंने !
और मैं खुश थी !
उनमें से कुछ पैसों के कपड़े खरीदे, बाकी अकाउंट में।
helik024@gmail.com

Anjan Admi Ke Saath Puri Raat Ki Chudai

Hamari sex baat bhari  kahaniya024.blogspot.com blog par aap sabhi nayi pathakon ko swagat karte hui main apki sunita bhabhi aap ko ek kahani patane bali hun, ek ajnabi ke saath biti hui puri raat, khud ki chut ki pyas bujhane ke liye isi bhabhi ne kya kiya ek anjan admi ke saath wo kahani aap sabhi ke liye……
mera naam ashika hai or m delhi ki rehne wali hu,  par ye ” Anjan Admi Ke Saath Puri Raat Ki Chudai ” meri pheli story hae jo 3 june 2013 ki hae agr koi galti ho jae to advance srry. M apni traf se puri koshish krungi ki meri story padh kar aap mere brre me soch kar muth mare so tym waste na krte hue m sidha story pe aati hu.
Mae delhi ke vasant vihar me rehti hu. Meri family me mae or meri dad h bas eslie dad ki ladli hu. Meri age 18 saal ki dkhne me sunder or sexy hu. Mera fig 34 24 36 hae colour bright height 5’5″ weight 47 kg slim body
Meri ek uncle ki ladki ki shadi thi so mera or dad ka jana urgent tha par dad ki tabiyat achanak khrb ho gae so mujhe hi jana pda. Function rajokri ke umrao hotel me tha ghr se jada dur ni tha so m apni scooty lkr chali gae m bhot hi sharif ldki thi kisi ladke ki traf dkhti hi ni thi par mujhe kya pta tha ki aaj meri sharafat ki asi tasi hone wali h.
M party me poach gae or kanyadaan kia, stage par jaa kar dii ko gift dia jinki shadi thi or phr khana khaya or ghr ki orr chl di tbi yaad aaya ki dad ne kha tha ki ek br uncle ko hlo bol kar jrur aau so m unhe dhundne lgi.
Bhot der ho gae par uncle ni mile wha sab ldke mujhe ghur rhe the kyuki m bhot hi sxy lag rhi thi.
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Raat ko achanak mujhe apni thighs par movemnt feel hue mne aakh kholi to vky ne meri thighs par hth ghuma rha tha m use rokne lgi to dkha ki meri hth bndhe hue the or legs b or mere mouth par tape thi m darr gae or rone lgi to wo bola ki tnsn mt le aaj tujhe bhot mja aane wala h usne chaddar hth kr fek di mere upar se m dkh kr or jada dar gae m phle se hi naked thi or wo b m use mna krti rhi par wo ni ruka or kbi meri navel ko kiss krta kbi thighs lik krta kbi boobs chusta bite krta phr meri pussy lik krne lga jo hairy thi wo utha or trimer se meri pusy k baal saaf kar Die m ro rhi thi par wo meri traf dkh hi ni rha tha pht wo meri pussy lik krne lga mujhe nasha sa hone lga m uska sth dene lgi apni pusy ko uske muh me daklne lgi wo samjh gya m ready hu.
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Mere muh se awaj nikalne lgi aaieeee maaaa marrrr gaeeeee papaaaaaa bachaooooo aiieeedd itne me usne apne hotho se mere muh lock kar dia or thodi der wase hi rha or kiss krta rha jb mera dard khtm ho gya to thoda dhire 2 start ho gya par meri lips ni chore thodi der baad wo andr hi jhad gya or m b jhad gae phr wo meri gand marne lga usne meri gand me lund dia or chodne lga par mere lips ni chore or thodi der baat mujhe godi me utha lia chote bcche ki trah or puri chat par mujhe lkr ghum rha tha sth me ass fuck b kr rha tha mne kha abi k lie bhot h so jb wo andr hi discharge Ho gya to hum bed par aakr naked hi so gae. Tab subah ke 4 baj chuke the
Mere aakh khuli tab subah ke 11 baj rhe the or hum ab b naked pde the mne vky ko uthaya or usne mujhe kiss kia phr kapde phne or mere lie coffee le aaya humne coffee pi or usne kha chalo tumhe ghr chod du mne socha kyu na aaj b mja lia jae mne use kha yr dad to office gae honge to kyu na hum sham tk sth me tym spnt kre to wo samjh gya mujhe kya chaiye usne kha thk h nha lete h usne meri lie apne bhn ke kapde laa die or nhane chale gae usne mujhe bthroom me do baar choda h wo story baad me plz readers mujhe meri id pe mail jrur kre ki jo mne kia wo thk h ya galat — helik024@gmail.com

Tuesday, July 26, 2016

HOT AND SEXY VIDEO leena

भाभी ने कहा- जब तक यहाँ हो.. जब भी प्यास लगे तो प्यास बुझाने मेरे कुंए के पास आ जा।


नमस्कार दोस्तो,
 हमेशा नई-नई कहानियों का इंतजार करता रहता हूँ.. पर आज मैं पहली बार अपनी कहानी आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ।
मैं बचपन से ही बड़ा कामुक किस्म का लड़का रहा हूँ, औरतों के बड़े-बड़े मम्मे देखता रहता था, उनके नितम्बों पर हाथ लगाने की कोशिश करता रहता था।
इन में से कुछ तो मेरे परिवार की ही औरतें रहती थीं।
यह घटना आज से 5 साल पहले की है। यह कहानी है मेरी भाभी की..
मैंने जयपुर में किराए का कमरा लिया हुआ था और यहीं पर पढ़ता था। मुझे मेरे परिवार की भाभियों में विशेष ही रूचि थी। जब भी किसी भाभी के यहाँ जाना होता.. तो छुप-छुप कर उनके अंगों को देखने की कोशिश करता रहता था।
कुछ दिनों पहले मेरे बड़े ताऊजी के लड़के की शादी थी.. पर मेरे एग्जाम की वजह से मैं नहीं जा पाया था। शादी के कुछ दिनों बाद मेरे एग्जाम खत्म हो गए.. तो मैं छुट्टियों के लिए घर नहीं गया.. बल्कि ताऊजी के घर चला गया क्योंकि मुझे नई भाभी को देखना था।
जब मैं वहाँ पहुँचा.. तो घर पर ताऊजी और भैया नहीं थे।
दरवाजा भाभी ने ही खोला।
मैंने जैसे ही भाभी को देखा.. तो बस देखता ही रह गया, वो एकदम गोरी और भरे पूरे बदन की मालकिन थीं।
मैंने एक ही नजर में उनके सारे शरीर का नाप ले लिया।
उनकी आवाज से मेरा ध्यान भंग हुआ।
उन्होंने पूछा- किस से मिलना है?
तो मैंने बताया- मेरा नाम राज है.. मैं आपका देवर हूँ.. शादी में नहीं आ पाया था।
उन्होंने मुझे पहचान लिया और अन्दर आने को कहा।
घर पर मेरी चचेरी बहन भी थी। वो मुझे देखकर आई और बोली- भैया हम बहुत नाराज हैं आपसे.. आप शादी में क्यों नहीं आए।
मैंने एग्जाम की मजबूरी बताई.. तो वो बोली- ठीक है.. आपको माफ़ कर देंगे.. पर आपको कम से कम 5 दिन यहीं रुकना पड़ेगा।
मैंने एक नजर भाभी को देखा और बोल दिया- ठीक है.. मुझे मंजूर है।
मेरी कजिन सिस्टर का नाम आरती है, वो मुझसे एक साल ही छोटी है।
वो थोड़ी पतली थी.. इसलिए मेरी उसमें कभी कुछ खास रूचि नहीं रही, मुझे तो भरे बदन की लड़कियाँ ही अच्छी लगती हैं।
शाम को ताऊजी और भैया भी आ गए और मुझे देखकर बहुत खुश हुए।
सबने साथ में खाना खाया और सब बैठकर टीवी देखने लग गए।
बीच-बीच में ताऊजी मुझसे घर के समाचार भी पूछ रहे थे।
पर मैं सबसे नजरें चुरा कर भाभी को घूर रहा था।
भाभी ने भी मुझे उनको देखते हुए देख लिया था।
जब भी वो मुझे देखतीं.. तो मैं उनको स्माइल दे देता, वो भी कभी-कभी हँस देती थीं।
ताऊजी की वजह से भाभी थोड़ा पीछे बैठी थीं और ज्यादा बात नहीं कर रही थीं।
थोड़ी देर बाद ताऊजी सोने चले गए और मैं भैया.. भाभी और आरती शादी का एलबम देखने लग गए।
मेरी नजरें तो बस भाभी की फोटो को ही देख रही थीं।
मैं कई बार भैया से कह देता- भैया आप दोनों बहुत अच्छे लग रहे हो.. पर भाभी ज्यादा सुन्दर लग रही हैं।
भैया कहते- चिंता मत कर, तेरे लिए भी सुन्दर ही लड़की लाएंगे।
मैं मन में सोचने लगा कि मुझे तो भाभी ही दे दो।
एलबम देखने के बाद सब सोने की तैयारी करने लगे.. तो मुझे लगा कि भाभी को कैसे देख पाऊँगा।
मैंने सबसे कहा- क्यों न सब छत पर सो जाएं.. वैसे भी जब मैं भैया की शादी से पहले यहाँ आता था.. तो सब छत पर ही सोते थे।
आरती ने धीरे से मेरे पास आकर कहा- राज भैया 3-4 दिन में आए हैं.. तो इनको तो अपने कमरे में ही सो जाने दो।
भैया बोले- कोई बात नहीं.. सब छत पर ही सो जाएंगे।
उन्होंने आरती को बिस्तर लगाने के लिए बोल दिया, मैं भी आरती की मदद करने लग गया।
असल में मैं यह चाहता था कि भाभी का बिस्तर मुझसे ज्यादा दूर न हो।
आरती ने सबका बिस्तर एक साथ ही लगा दिया। पहले भैया का.. फिर भाभी का.. फिर आरती का और सबसे अंत में मेरा।
थोड़ी देर में भैया और भाभी भी ऊपर आ गए और सब अपने-अपने बिस्तरों पर लेट गए।
मैंने भाभी को देखा.. तो वे मुझे सही से नहीं दिख रही थीं।
मैंने कहा- चलो सब बातें करते हैं.. इतनी जल्दी कोई नहीं सोएगा।
भैया बोले- यार तुम लोग बातें कर लो.. मुझे तो नींद आ रही है।
ऐसा कहकर उन्होंने भाभी को बोला- तुम मेरी तरफ आ जाओ। मैं कोने में सो जाऊंगा।
मुझे थोड़ी ख़ुशी हुई कि चलो भाभी थोड़ा पास तो आईं।
मैं भाभी से उनके परिवार के बारे में पूछने लगा। आरती भी बीच-बीच में बोल रही थी.. पर मैं सिर्फ भाभी से ही बात कर रहा था।
थोड़ी देर में आरती बोली- मुझे भी नींद आ रही है.. भाभी आपको बातें करनी है.. तो मेरी जगह आ जाओ और मैं आपकी जगह सो जाती हूँ।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि भाभी मेरे पास आ गईं।
आरती सो गई और मैं भाभी से बात करने लग गया।
मैंने कहा- भाभी आप बहुत सुन्दर हो.. मेरे लिए भी आपके जैसी लड़की ही लाना।
वो हँसने लगीं और बोलीं- मेरी बहन है.. उसे ही ले आती हूँ आपके लिए।
मैंने भी कह दिया- कब लाओगी।
वो बोलीं- शादी करके लानी पड़ेगी.. ऐसे नहीं आएगी वो।
मैं भाभी से बात भी कर रहा था और उनके मम्मों को भी देख रहा था।
भाभी समझ गईं और बोलीं- आपकी मम्मी से बात करनी पड़ेगी कि आपकी शादी जल्दी करें।
मैंने बोला- क्यों?
तो वो बोलीं- आपको लड़की की जरूरत है अब.. तो शादी कर लो।
मैंने पूछा- आपको कैसे मालूम कि मुझे लड़की की जरूरत है?
भाभी बोलीं- जब से आए हो मेरे मम्मों की तरफ ही देख रहे हो।
मैं एकदम से सकपका गया.. तो उन्होंने कहा- मुझे बुरा नहीं लगा.. क्योंकि आपकी उम्र ही ऐसी है.. जिसमें नारी शरीर का आकर्षण बन जाता है.. तो इससे पहले की बुरी आदतों में फंसो.. या तो शादी कर लो.. या कोई लड़की पटा लो।
मैंने कहा- भाभी.. शादी तो इतनी जल्दी करूँगा नहीं.. और लड़की मुझसे पटती नहीं.. तो बताओ मैं क्या करूँ?
तो भाभी हँसने लग गईं और बोलीं- चलो सोचते हैं आपके लिए कुछ.. अब सो जाओ.. रात बहुत हो गई है।
फिर भाभी वहीं सो गईं.. मैं भाभी के पास ही सो गया।
आधी रात को मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि भाभी अपनी जगह नहीं थी। फिर भैया को देखा तो भैया भी नहीं थे। मैं समझ गया कि शायद भैया.. भाभी को नीचे ले गए होंगे।
मैं धीरे से नीचे उतरा और भैया के कमरे की तरफ गया.. तो मुझे उन दोनों की आवाजें सुनाई देने लगीं।
भैया कह रहे थे कि 3 दिन बाद आया हूँ.. पर राज की वजह से अलग सोना पड़ गया.. पर अब तरसाओ मत मेरी जान, फटाफट मेरी प्यास बुझाओ।
मैंने सबसे कहा- क्यों न सब छत पर सो जाएं.. वैसे भी जब मैं भैया की शादी से पहले यहाँ आता था.. तो सब छत पर ही सोते थे।
आरती ने धीरे से मेरे पास आकर कहा- राज भैया 3-4 दिन में आए हैं.. तो इनको तो अपने कमरे में ही सो जाने दो।
भैया बोले- कोई बात नहीं.. सब छत पर ही सो जाएंगे।
उन्होंने आरती को बिस्तर लगाने के लिए बोल दिया, मैं भी आरती की मदद करने लग गया।
असल में मैं यह चाहता था कि भाभी का बिस्तर मुझसे ज्यादा दूर न हो।
आरती ने सबका बिस्तर एक साथ ही लगा दिया। पहले भैया का.. फिर भाभी का.. फिर आरती का और सबसे अंत में मेरा।
थोड़ी देर में भैया और भाभी भी ऊपर आ गए और सब अपने-अपने बिस्तरों पर लेट गए।
मैंने भाभी को देखा.. तो वे मुझे सही से नहीं दिख रही थीं।
मैंने कहा- चलो सब बातें करते हैं.. इतनी जल्दी कोई नहीं सोएगा।
भैया बोले- यार तुम लोग बातें कर लो.. मुझे तो नींद आ रही है।
ऐसा कहकर उन्होंने भाभी को बोला- तुम मेरी तरफ आ जाओ। मैं कोने में सो जाऊंगा।
मुझे थोड़ी ख़ुशी हुई कि चलो भाभी थोड़ा पास तो आईं।
मैं भाभी से उनके परिवार के बारे में पूछने लगा। आरती भी बीच-बीच में बोल रही थी.. पर मैं सिर्फ भाभी से ही बात कर रहा था।
थोड़ी देर में आरती बोली- मुझे भी नींद आ रही है.. भाभी आपको बातें करनी है.. तो मेरी जगह आ जाओ और मैं आपकी जगह सो जाती हूँ।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि भाभी मेरे पास आ गईं।
आरती सो गई और मैं भाभी से बात करने लग गया।
मैंने कहा- भाभी आप बहुत सुन्दर हो.. मेरे लिए भी आपके जैसी लड़की ही लाना।
वो हँसने लगीं और बोलीं- मेरी बहन है.. उसे ही ले आती हूँ आपके लिए।
मैंने भी कह दिया- कब लाओगी।
वो बोलीं- शादी करके लानी पड़ेगी.. ऐसे नहीं आएगी वो।
मैं भाभी से बात भी कर रहा था और उनके मम्मों को भी देख रहा था।
भाभी समझ गईं और बोलीं- आपकी मम्मी से बात करनी पड़ेगी कि आपकी शादी जल्दी करें।
मैंने बोला- क्यों?
तो वो बोलीं- आपको लड़की की जरूरत है अब.. तो शादी कर लो।
मैंने पूछा- आपको कैसे मालूम कि मुझे लड़की की जरूरत है?
भाभी बोलीं- जब से आए हो मेरे मम्मों की तरफ ही देख रहे हो।
मैं एकदम से सकपका गया.. तो उन्होंने कहा- मुझे बुरा नहीं लगा.. क्योंकि आपकी उम्र ही ऐसी है.. जिसमें नारी शरीर का आकर्षण बन जाता है.. तो इससे पहले की बुरी आदतों में फंसो.. या तो शादी कर लो.. या कोई लड़की पटा लो।
मैंने कहा- भाभी.. शादी तो इतनी जल्दी करूँगा नहीं.. और लड़की मुझसे पटती नहीं.. तो बताओ मैं क्या करूँ?
तो भाभी हँसने लग गईं और बोलीं- चलो सोचते हैं आपके लिए कुछ.. अब सो जाओ.. रात बहुत हो गई है।
फिर भाभी वहीं सो गईं.. मैं भाभी के पास ही सो गया।
आधी रात को मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि भाभी अपनी जगह नहीं थी। फिर भैया को देखा तो भैया भी नहीं थे। मैं समझ गया कि शायद भैया.. भाभी को नीचे ले गए होंगे।
मैं धीरे से नीचे उतरा और भैया के कमरे की तरफ गया.. तो मुझे उन दोनों की आवाजें सुनाई देने लगीं।
भैया कह रहे थे कि 3 दिन बाद आया हूँ.. पर राज की वजह से अलग सोना पड़ गया.. पर अब तरसाओ मत मेरी जान, फटाफट मेरी प्यास बुझाओ।तो बोली- इसी से प्यास बुझा लो।
मैं एकदम से चौंक गया.. मैंने पूछा- भाभी आप एक भाई को उसकी बहन से प्यास बुझाने को कह रही हो?
तो वो बोलीं- रात को जब उसके हाथ में अपना लिंग दिया था.. तब बहन नहीं थी वो?
मेरा सर घूम गया.. मैंने पूछा- आपको कैसे पता?
तो वो बोलीं- रात को तुम्हारे भैया की प्यास बुझाने के बाद मैं अपनी पानी की प्यास बुझाने रसोई में गई.. तो मैं वैसे ही छत पर भी आ गई.. क्योंकि मुझे नींद नहीं आ रही थी.. तो मैंने देखा कि तुमने आरती के हाथ में अपना लिंग दे रखा था.. तो मैं चुपचाप वापिस आ गई।
मैंने कहा- भाभी सॉरी.. माफ़ कर दो.. अब ऐसा नहीं होगा।
भाभी ने कहा- अगर आपको आरती अच्छी लगती है तो इसमें कुछ गलत नहीं है.. मैं उसे आपके लिए पटा लूँगी और फिर आप उससे अपनी प्यास बुझा लेना।
मैंने कहा- भाभी मुझे तो आप अच्छी लगती हो.. आप ही मेरी प्यास बुझा दो ना।
भाभी हँसने लगीं और मैंने भाभी को पीछे से जाकर पकड़ लिया।
वो बोलीं- रुको पहले दरवाजा बंद करो वर्ना आरती आ जाएगी।
मैंने दरवाजा बंद किया और भाभी को चूमना चालू कर दिया, उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.. और रसपान करने लग गया।
धीरे-धीरे उनकी गोलाइयों को मसलना शुरू कर दिया, भाभी ने भी पजामे के ऊपर से ही मेरा लिंग पकड़ लिया।
मैंने भाभी को उठाया और कमरे में ले गया और भाभी के सारे कपड़े उतार दिए।
भाभी ने खड़े होकर मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए, फिर मैं और भाभी एक-दूसरे में समाने की कोशिश करने लग गए, कमरे में सांसों का तूफान सा आ गया था।
भाभी ने कहा- देवर जी इतना प्यार करते हो.. तो पहले ही क्यों नहीं कह दिया.. अब तक तो आपकी प्यास बुझ चुकी होती।
मैंने भाभी की योनि में अपनी जीभ घुसा दी और जीभ से ही उन्हें चोदने लग गया.. वो आहें भर रही थीं।
फिर भाभी ने कहा- अभी तो फटाफट काम खत्म कर लो.. वर्ना आरती आ जाएगी.. तो तुम लन्ड महाराज को हाथ में लेकर बैठे रहोगे।
मैंने फटाफट भाभी की योनि में अपना लिंग घुसा दिया। भाभी ने अपना मुँह बंद कर लिया.. ताकि उनकी आवाज बाहर ना निकले।
मैंने जबरदस्त धक्के लगाने शुरू कर दिए.. हर धक्के के साथ मुझे स्वर्ग की अनुभूति हो रही थी। मेरा जी कर रहा था कि बस मैं ये धक्के लगाता ही रहूँ.. और ये दुनिया थम सी जाए।
थोड़ी देर में मेरा वीर्य भाभी की योनि में दौड़ रहा था!
भाभी भी निढाल सी होकर लेट गईं।
फिर भाभी ने कहा- बुझी आपकी प्यास?
मैंने कहा- अभी तो बुझ गई.. पर ये प्यास तो थोड़ी-थोड़ी देर में फिर लग जाती है।
भाभी ने कहा- जब तक यहाँ हो.. जब भी प्यास लगे तो प्यास बुझाने मेरे कुंए के पास आ जा।
मैंने वापिस भाभी को चूम लिया।
अगले भाग में बताऊंगा कि भाभी ने मेरे लिए आरती को कैसे तैयार किया।
यह मेरी पहली कहानी है दोस्तो.. इसलिए कहीं कुछ गलत लिखा हो तो इग्नोर कर देना।
HELIK024@GMAIL.COM

Saturday, July 16, 2016

HOT AND SEXY VIDEO

डांस प्रैक्टिस - Dance Practice



मैं राजवीर बीस साल का हूँ। मैं यहाँ फरीदाबाद में रहता हूँ। यहाँ हमारा पूरा परिवार है। हमारा घर में दो कमरे खाली रहते थे। हमने वो किराये पर देने का सोच लिया था। बात तीन साल पहले की ही है। हमारे घर एक परिवार आया उस परिवार में एक बुड्ढा आदमी था और उसकी एक 19-20 साल की एक बेटी होगी। उसका बाप दो हफ्ते भर रहा और फिर गाँव चला गया। उसकी बेटी अकेली ही रहती थी। उसकी पढ़ाई पूरी हो गई थी और नौकरी भी नहीं करती थी। सारा दिन घर पर ही रहती थी। उन दिनों मेरी डांस की प्रैक्टिस चल रही थी।

एक दिन उसने कहा- मुझ को भी डांस सिखा दो।

मैंने उससे कहा- अभी नहीं, बाद में !

वो मान गई।

शाम को घर में कोई नहीं था। सिर्फ वो और मैं। मैं टीवी देख रहा था। वो आई और कहने लगी- अब डांस सिखा दो !

तो मैंने पूछा- तुम डांस सीख कर क्या करोगी?

वो कहने लगी- कुछ नहीं ! बस ऐसे ही।

मैंने मना कर दिया तो वो मेरी मिन्नत करने लगी। सो मैं भी मान गया।

मैंने गाना लगा दिया और उसे डांस का एक स्टेप कर के दिखाया। वो मेरे स्टेप्स की कॉपी करने लगी। उसने सूट पहन रखा था तो उसको नाचने में दिक्कत हो रही थी पर उसकी चूची को देख कर, जो हिल रही थी, मेरा लंड भी हिल रहा था। वो डांस करते करते रुक गई।

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?

उसने कहा- परेशानी हो रही है इन कपड़ों में !

मैंने मजाक में कह दिया- कपड़े उतार कर डांस कर लो।

वो शरमा गई और चली गई।

मैं भी उसके पीछे गया। वो मुँह छुपा कर लेट गई।

मैंने कहा- मैं तो मजाक कर रहा था ! तुम बुरा तो नहीं मानी।

उसने कहा- इसमें बुरा मानने वाली कौन सी बात है? मजाक ही तो किया था।

हम वहीं बैठ कर बातें करने लगे।

उसने मुझसे अचानक पूछ लिया- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?

मैंने कहा- हाँ ! हैं तो कई ! पर क्यों।

उसने कहा- किसी के साथ सेक्स सम्बन्ध बनाये हैं या नहीं?

मैंने कहा- तुम्हें क्यों बताऊँ।

उसने कहा- मैं तुम्हारी दोस्त नहीं हूँ क्या? मुझे बता नहीं सकते?

मैंने उससे कहा- हमने दोस्ती कब की?

उसने कहा- अब कर लो।

मैंने कहा- तुम बड़ी वो हो।

उसने कहा- वो मतलब क्या?

मैंने कहा- वो मतलब सेक्सी !

उसने अपना हाथ मुँह पर रख लिया। मैंने उसका चुम्बन ले लिया।

वो गुस्सा हो गई और कहने लगी- अभी तुम्हारी मम्मी को बताउँगी।

मैं डर गया और वहाँ से चला आया।

रात को मैं छत पर ही सोता हूँ। मैं छत पर सोया था, मेरे सामने रीमा की चूची थी। मैं उसके बारे में सोच कर मुठ मार रहा था। तभी वहाँ रीमा आ गई। उस समय रात के बारह बजे थे। मैं उसे देख कर घबरा गया। वो मुझे घूर कर देखने लगी। मैं घबराया हुआ था।

उसने कहा- तुम मेरे बारे में सोच कर ही मुठ मार रहे हो न?

मैंने कहा- नहीं !

तो उसने कहा- सच बताओ, नहीं तो आंटी को बता दूंगी। मैंने हाँ कह दिया।

उसने पूछा- क्या सोच रहे थे?

मैंने कहा- तुम्हारी चूची के बारे में।

मेरा लंड सिकुड़ गया था। उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और हिलाने लगी। मेरा लंड फिर खडा हो गया। उसने मेरी निक्कर उतार दी और जोर जोर से लंड हिलाने लगी। थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। थोड़ी देर बाद उसने अपनी सलवार और कुर्ती उतार दी और कहने लगी- अब ठीक है ! अब डांस सिखा दो !

मैंने उससे कहा- सिखा तो दूँ ... पर . . . . . . . ?

पर पर क्या ? उसने कहा- अगर कोई परेशानी है तो बाकी भी उतार देती हूँ।

यह बोलते ही उसने अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी। क्या चूची थी उसकी . . . . . . चूत अभी कुंवारी लग रही थी . . . . . . । चूत की खुशबू तो अलग ही आ रही थी। मेरा लंड वो देख कर और भी मोटा हो गया।

मैंने कहा- डांस तो सिखा दूँगा पर क्या तुम फीस दे दोगी।

उसने कहा- फीस अभी ले लो।

उसने मेरा मुँह अपनी चूची पर लगा दिया। मैंने भी अपना काम शुरु किया और उसकी चूची चूसने लगा। पाँच मिनट उसकी चूची चूसने के बाद मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा और रगड़ने लगा। वो मेरा लंड मुँह में लेकर रगड़ने लगी और मुठ मारने लगी। मैंने उसकी चूत में उंगली दे दी। वो चिंहुक उठी। मैंने उसकी चूत चूसनी चालू की और साथ-साथ उंगली भी दे रहा था।

मैंने उससे कहा- यहाँ हमें कोई देख लेगा ! हम नीचे चलते हैं तुम्हारे कमरे में !

वो मान गई। मैंने जाते ही अपना मोबाइल ऑन किया और वीडियो रिकॉर्डर चालू कर दिया और 69 की अवस्था में आ गए। उसको मालूम नहीं था कि मैं उसकी और अपनी वीडियो बना रहा हूँ।

15 मिनट बाद मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और धक्का दिया। मेरा आधा लंड अंदर चला गया। बिना रुके हुए दूसरा धक्का दिया और मेरा पूरा लंड अंदर चला गया। दस मिनट चोदने के बाद उसके चूत में ही झड़ गया और थोड़ी देर बाद वो भी झड़ गई।

हम लेट गए। मेरा लंड फिर खड़ा हो गया।

इस बार मैंने उसको घोड़ी बना कर चोदना शुरु किया। चोदते-चोदते मैंने अपना लंड निकाला और उसकी गांड में दे दिया। आधा लंड उसकी गांड में चला गया।

वो रोने लगी और कहने लगी- छोड़ दो ! निकाल दो बाहर ! दर्द हो रहा है !

मैंने कहा- बस थोड़ी देर दर्द होगा फिर मजा आएगा।

मैं रुक गया और उसकी चूची दबाने लगा। उसको थोड़ा आराम मिला तो मैंने फिर धक्का दिया और उसकी गांड में अपना पूरा लंड डाल दिया। वो छटपटा रही थी। पर लण्ड निकालने में नाकामयाब रही।

मैंने धक्के लगाने शुरु किये। वो आ आ ई ई की आवाजें निकाल रही थी। मैंने उसे 15 मिनट तक चोदा।

फिर मैंने अपना लंड निकाला तो उसने कहा- निकाल क्यों किया।

तो मैंने कहा- मेरा झरने वाला है !

तो उसने कहा- गांड में ही झार दो।

मैं अभी डालने ही वाला था, तब तक मेरा पानी निकल गया और उसके गांड के ऊपर ही गिर गया। वो जल्दी से पलटी और बाकी का सारा पानी अपने मुँह में ले लिया और मेरा लंड साफ़ कर दिया। हम थोड़ी देर लेटे रहे और फिर उठ कर कपड़े पहनने लगे। बिस्तर पर थोड़ा सा खून गिरा हुआ था।

तभी मुझे ध्यान आया कि मेरा वीडियो रिकॉर्डर चालू था। मैंने रीमा के नजरों से बचा कर अपना मोबाइल उठाया और वीडियो सेव करके मोबाइल ऑफ कर दिया। हम ऊपर ही जाकर सो गए। सुबह नींद खुली तो रीमा मेरे बगल में सो रही थी।

मेरा लंड बाहर था और उसकी चूची बाहर थी। शायद मेरे सोने के बाद उसने मेरा लंड चूसा था। मैंने भी उसकी चूची दबाई और चूसने लगा और सुबह मैंने उसे फिर दुबारा चोदा, सिर्फ उसकी गांड मारी।

तो दोस्तो, बताओ आपको मेरी कहानी कैसी लगी।

एक और कहानी है आपके किये मेरे पास पर पहले इस पर अपने विचार जरूर लिखना कि मैंने रीमा को चोदने में कहाँ कसर छोड़ दी, यह बताना।