Thursday, September 15, 2016

bhabhi aur girlfriend

aap bhi apni story muje send kre ap ki story bhi likhunga   helik024@gmail.com

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(ANY GIRL OR HOUSE WIFE MAIL ME FOR SEX AND HOW IS MY STORY HELIK024અઁટ ર્ધ રૈટ જી મૈલ.કૌમ )
कॉलेज में मेरी एक पटाखा गर्लफ्रेंड बनी थी। हम मेरे भाई-भाभी से मिलने गए पर भाई वहां नहीं थे। फिर हम तीनो के बीच जो कुछ हुआ उसी की ये threesome sex kahani है।
यह मेरी जीवन की एक सच्ची hindi sex story है जो मेरी एक दूर की भाभी मीनल और मेरी एक फिर गर्लफ्रैंड निकिता के साथ की घटना है। जब मैंने अपनी पढ़ाई के लिए कॉलेज में दाखिला लिया, उस समय मेरी उमर 18 साल की थी, मेरे को तब तक चोदने और चुदाने के बारे में थोड़ा ही ज्ञान था, कभी किसी के साथ अच्छे से सेक्स नहीं किया था। मेरी क्लास में वैसे तो बहुत सी लड़कियाँ थी पर मेरे को कोई भी नहीं भाती थी।
मुझे कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर में दाखिला मिला था इस लिए पढ़ने का बहुत शौक था और मैं हमेशा ही अपनी पढ़ाई पर बहुत ध्यान देता था, सारे टीचर मेरे से खुश रहते थे, इसी बात के कारण लड़कियाँ धीरे-2 मेरे पास आने लगी और मेरी उनसे अच्छी दोस्ती हो गई।
उनमें से एक लड़की का नाम निकिता था जो देखने में बहुत सुंदर थी, उसकी उम्र 18 साल, पतली नाजुक कमर, चेहरे पर हमेशा सुकून दिखाई देता था, वो भी मेरे तरह क्लास में अच्छे से काम करती थी। मेरी और निकिता की अच्छी दोस्ती हो गई पर मैंने उसे कभी भी सेक्स की नजरों से नहीं देखा। जिगरी दोस्त की तरह हम एक दूसरे से खुल कर बात करते और सलाह मशवरा लेते।
एक बार वो जब कैंटीन में बैठी हुई थी, उस दिन वो मिनी स्कर्ट और टी-शर्ट पहन कर आई थी, क्या मस्त लग रही थी। मैं उसके पास गया और उससे बात करने लगा तभी उसकी पेंसिल नीचे हाथ से छूट कर गिर गई जिसे उठाने के लिए जब वो नीचे की तरफ झुकी तो मेरी नजर उसके वक्ष पर चली गई क्योंकि उसने ढीली ढाली सी टी-शर्ट पहनी थी, छोटे-2 संतरे के जैसे थे जिसे देख कर मेरा भारी और लंबा-मोटा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने किसी तरह से अपने लण्ड को उससे छुपाने की कोशिश की । पर मेरा इतना मोटा और लंबा लंड भला कहाँ छुपने वाला था । उसने मेरे इस हलचल को देख लिया पर कुछ नहीं बोली। लेकिन तोड़ा सा मुस्करा दी। उसके बाद मैं उसकी तरफ ज्यादा ध्यान देने लगा।
एक दिन जब वो क्लास में अकेली बैठी थी, मैंने देखा कि उसके साथ कोई नहीं है, मैंने सोचा, अच्छा मौका है बोल दे, नहीं तो फिर कभी नहीं बोले पाएगा।
मैं गया और कुछ सोचे समझे बिना जाकर बोला- निकिता , मैं तुमसे प्यार करता हूँ, तुमको हमेशा अपने साथ महसूस करता हूँ, मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता !
यह सुन कर वो खड़ी हुई और मेरे गाल पर एक थप्पड़ मारा।
मैं चौंक गया, यह मैंने क्या कह दिया !?!
उसने बोला- इतने दिन बाद बोला, पहले नहीं बोल सकते थे? मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ !
मेरा दिल खुश हो गया। अब मैं उसे अपने कमरे में भी लाने लगा। उसने न जाने कितनी बार मेरे लौड़े को ठीक से देखा और मैंने भी न जाने कितनी बार उसकी चूत देखी और चौड़ा करके भी देखा पर इसके बावजूद हमारे दिल में चुदाई का ख्याल नहीं आया। मुठ मारने में भी उसने कई बार मदद की, मैंने भी उसकी मदद की है, हाथ से कई बार उसकी दाना मसल कर ठंडा किया है।
इस बार मैंने उससे अपने गाँव में छुट्टी बिताने के लिए मना लिया। इम्तिहान ख़त्म होने क बाद हम गाँव पहुँचे, हम दोनों का अच्छा खुश-आमदीद हुआ।
मेरे घर में मेरे पापा , मम्मी और एक छोटा भाई !
मेरा एक चचेरा भाई सुनील है जो मेरे से कई साल बड़ा है फिर भी मेरा पक्का दोस्त है। एक साल पहले उसकी शादी हुई थी मीनल भाभी से, भाभी मेरी उम्र की हैं।
इस बार गर्मी बहुत ही तेज थी, सब लोग घर पर खाना खाकर दोपहर को सोये हुए थे, एक मैं था क़ि मुझे नींद नहीं आ रही थी, निकिता का भी यही हाल था, वो बोली- चलो विक्की, मीनल भाभी के घर चलें, भाभी और भैया के साथ ताश खेलेंगे।
हम भाभी के घर गए, भाभी घर का काम कर रही थी और सुनील कहीं दिखाई नहीं दे रहा था, मैंने पूछा- भाई कहाँ हैं? सो रहे हैं क्या?
भाभी बोली- क्यों मैं नहीं हूँ क्या? भैया बिना काम काम नहीं चलेगा?
निकिता – क्यूँ न चलेगा? हमने सोचा चलो भाभी के घर जाकर ताश खेलें !
bhabhi ke sath girlfriend threesome sex kahani
मुझे तो जन्नत मिल गयी थी..
भाभी उदास हो कर बोली- वो तो रात होने तक नहीं आयेंगे।
मैं- कहाँ गए हैं इतनी धूप में?
मीनल- मैंने नहीं भेजा, अपने आप गए हैं।
निकिता – कहाँ गए हैं?
मीनल- और कहाँ? वो भले उनके खेत भले।
निकिता – क्या बात है भाभी? उदास क्यूँ हो? झगड़ा हो गया है क्या?
मीनल- जाने भी दीजिये। यह तो हर रोज की बात है, आप जान कर क्या करेंगी?
निकिता ने उनके कंधे पर हाथ रखा और पूछा- क्या बात है, बता दो? कम से कम दिल हल्का हो जायेगा, हम से कुछ हो सके तो वो भी करेंगे। बोलो, क्या बात है? मार पीट करते हैं?
मैंने कहा- हाँ भाभी, क्या बात है?
इतना सुन कर भाभी निकिता के गोद में सर रख कर रो पड़ी। मैंने उनकी पीठ सहला कर सांत्वना दी, मैंने निकिता से पानी लाने को कहा।
निकिता उठ कर पानी लेने गई। मैंने मीनल भाभी के चहरे को अपने हाथों में लिया, इतनी मासूम लग रही थी वो !
निकिता के आने से पहले मैंने उनके कान में पूछ लिया- भाभी, भाई तुम्हें रोज चोदता है या नहीं?
भाभी शरमा कर बोली- आज बीस दिन हुए !
निकिता ने सुन लिया, पूछने लगी- किसके 20 दिन हुए?
मैं- तू नहीं समझेगी, छोटी है, बाद में बताऊँगा।
मीनल भाभी को पानी देकर निकिता ने अपने उरोजों के नीचे हाथ रख कर ऊपर उठाये और बोली- देखो, मैं छोटी दिखती हूँ भाभी? मीनल के होंठों पर हंसी आ गई, उन्होंने कहा- नहीं निकिता , तुम्हारे तो मेरे से बड़े हैं, मैं कह रही थी कि 20 दिन से सुनील ने मेरे से बात नहीं की है।
निकिता के स्तन वाकई बड़े थे, वो 20 साल की ही थी मैंने सोचा खुला ही बोलने में कोई हर्ज़ नहीं है, मैंने कहा- भाभी का मतलब है कि 20 दिन से भैया ने उसे नहीं चोदा है।
निकिता अवाक् रह गई, फिर बोली- विक्की…?!!
मैं- भाभी, तू शुरू से बता, क्या हुआ?
निकिता – विक्की, तुम सब कैसे पूछते हो?
मीनल पहले शरमाई फिर बोली- तुम्हारे भैया के अलावा मेरे को आज तक किसी ने छुआ तक नहीं ! तुम्हारे भैया ने पहली बार चो… !! वो किया सुहागरात को। मुझे दर्द हुआ, खून निकला वो सब उन्होंने देखा था।
मैं- अब मारपीट करते हैं?
मीनल- मारपीट कर लेते तो अच्छा होता ! यह तो सहा नहीं जाता ! सुबह होते ही खेत में चले जाते हैं, दोपहर को नौकर को भेज कर खाना मंगा लेते हैं। रात को आते हैं तो खाना खाकर चुपचाप सो जाते हैं और झट पट वो किया या नहीं किया। करके करवट बदल कर सो जाते हैं। न बात न चीत ! मैं कुछ पूछूं तो ना जवाब। क्या करूँ? अब तो वो करना भी बंद कर दिया है। कभी कभी रात को नहीं आते तो मुझे डर लगता है, उन्हें कुछ हो तो नहीं गया?
इतना कहते हुए वो रो पड़ी और मेरे कंधे के ऊपर सर रख कर रोने लगी। मैं धीरे-2 उनकी पीठ सहलाने लगा, निकिता की आँख में भी आंसू भर आये।
थोड़ी देर बाद भाभी शांत हो गई, उसका चेहरा उठा कर मैंने आँसू पौंछे। इतनी मासूम लग रही थी, मैंने उनके गाल एक चुम्मा ले लिया। मेरा कारनामा देख कर निकिता ने दूसरे गाल पर चूम लिया। मैं कुछ सोचूं, इससे पहले मेरे होंठ मीनल के होंठों से लग गए।
लगता है सुनील ने भाभी को सेक्स करना नहीं सिखाया था, जैसे ही मैंने जीभ से उसके होंठ चाटने चालू किये, वह छटपटाने लगी। लेकिन मैंने उसे छोड़ा नहीं, उसके मुंह में जीभ डाल कर चारों तरफ घुमाई और उसके होंठ चूसे।
निकिता गौर से देख रही थी।
पाँच मिनट बाद चुम्बन छूटा। हम दोनों के मुँह थूक से गीले हो गए थे, उसका चेहरा लाल हो गया था।
निकिता बोली- विक्की, मुझे कुछ कुछ हो रहा था तुम दोनों को देख कर !
अब मीनल ने निकिता का का चेहरा पकड़ लिया और उसके मुँह से मुँह चिपका दिया।
इस वक्त निकिता की बारी थी, मीनल ने भी वैसा किया, जैसा मैंने किया था। उन दोनों को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा। उस चूमाचाटी के दौरान मैंने अपना हाथ मीनल की छातियों पर रख दिया, मैंने उरोजों को दबाया और मसला भी। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया पर हटाया नहीं, वो चुदवाने के लिए तैयार हो रही थी, फिर भी तसल्ली के लिए मैंने पूछा- भाभी, बीस दिन से भूखी हो, आज हो जाये।
निकिता चुम्बन छोड़ कर बोली- विक्की, तू तो भाभी को चो…च.. सम्भोग.. हाय हाय वो करने वाले हो?
मैं- अगर देख न सको तो चली जाना।

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