दोस्तो, मैं अजय आज आपको बताने जा रहा हूँ कि कैसे मेरे मन में अपने बेस्ट फ्रेंड की गर्लफ्रेंड को चोदने की इच्छा जागी।
मैं और प्रवीण बहुत अच्छे दोस्त थे और मेरी एक गर्लफ्रेंड थी.. जिसका नाम अंजना था.. जो बहुत ही खूबसूरत थी। उसको कॉलेज में न जाने कितने टीचर.. लड़के और चपरासी तक चोदने की इच्छा रखते होंगे.. और न जाने कितनों ने तो उसे सपने में चोद-चोद कर उसकी चूत फाड़ दी होगी।
खैर.. मैं आपको बताने जा रहा हूँ कैसे मेरे मन में अपने दोस्त की गर्लफ्रेण्ड को चोदने की इच्छा जागी।
दोस्त ने मेरी गर्लफ्रेण्ड चोदी
बात हमारे कॉलेज खत्म होने के बाद की है। कॉलेज के लास्ट ईयर में हमारे और अंजना के बीच लड़ाई होने लगी थी। कॉलेज खत्म होने के बाद उसकी जॉब बैंगलोर में लग गई और फाइनली हमारा रिलेशनशिप टूट गया।
बात जब बिगड़ी जब प्रवीण ने अंजना को चोद दिया और मुझे धोखा दिया।
बात जब बिगड़ी जब प्रवीण ने अंजना को चोद दिया और मुझे धोखा दिया।
हुआ यूं कि करीब हमारे ब्रेकअप के 7 महीने बाद वो कॉलेज से अपनी डिग्री लेने दिल्ली आई। चूंकि दिल्ली में इस टाइम सिर्फ प्रवीण ही उसका एक दोस्त था। उसने प्रवीण को बताया कि वो दिल्ली आ रही है और वो उसकी डिग्री लेने में कॉलेज से हेल्प कर दे।
वो दिल्ली आई और प्रवीण से मिली। उसको दिल्ली रुकना था.. सो उसने प्रवीण को होटल बुक करने बोला.. पर प्रवीण ने उसे किसी तरह उसको अपने फ्लैट पर रुकने के लिए मना लिया। डिग्री लेने में पूरा दिन कॉलेज में निकल गया और अब शाम को वो दोनों फ्लैट पर आए और अब प्रवीण ने उसको चोदने की कोशिश शुरू की। चूंकि वो अकेले रहता था.. सो उसका फ्लैट एक कमरे का ही था और उसमें एक ही बिस्तर था। इस वक्त ठंडी का टाइम था और साले के पास एक ही कम्बल था।
दोस्तो, यह आप सबको भी पता होगा कि एक बार चुदने के बाद लड़की बार-बार चुदना चाहती है.. उनके कंट्रोल करने की क्षमता भी कम हो जाती है।
अंजना को भी चुदे 7 महीने हो चुके थे.. सो बस प्रवीण को आग में घी डालना बाकी था.. जो कि वो बहुत अच्छे से जानता था।
खाना खाने के बाद दोनों एक ही कम्बल में घुस कर बात करने लगे और धीरे-धीरे अंजना सो सी गई, उसकी पीठ प्रवीण की तरफ थी। उसकी गाण्ड का उभार इतना सेक्सी था कि किसी का भी कंट्रोल करना मुश्किल हो जाए।
फिर प्रवीण ने भी सोने का नाटक किया और अपना हाथ उसके ऊपर रख दिया। धीरे-धीरे वो अंजना के पेट पर अपने हाथों को चलाने लगा। जब काफी देर तक ऐसा करने पर कोई उत्तर नहीं आया.. तो प्रवीण समझ गया कि अंजना की तरफ से हरी झण्डी है।
उसने पीछे से अंजना की गर्दन पर अपने गर्म होंठ रख दिए और चूमने लगा, फिर अपने हाथों को आगे ले जाकर उसकी चूचियों को दबाने लगा।
अंजना ने थोड़ी नौटंकी की और मना किया लेकिन उसकी इस ‘न’ में भी ‘हाँ’ थी।
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फिर क्या था प्रवीण ने उसकी चूचियों को दबा-दबा कर उसको पागल कर दिया। फिर उसने धीरे-धीरे पहले टी-शर्ट उतारी.. फिर ब्रा को खींच कर फेंक दिया जो कमरे के किसी कोने में जा गिरी थी।
अब प्रवीन ने अंजना की चूचियां बेरहमी से मसलना शुरू कर दिया, अंजना मादकता में ‘आह.. आह..’ कर रही थी।
अब प्रवीन ने अंजना की चूचियां बेरहमी से मसलना शुरू कर दिया, अंजना मादकता में ‘आह.. आह..’ कर रही थी।
प्रवीण भी हरामी था.. सीधे चूचियों को चूसने की बजाए वो पहले मम्मों के अगल-बगल को चूस रहा था और घुण्डी को बस हाथ से छूकर छोड़ देता था जिससे अंजना और पागल हो गई थी।
वो अपने हाथ से पकड़ कर बार-बार उसके सर को चूची पर जबरदस्ती ले जा रही थी।
फिर प्रवीण ने उसकी गोरी-गोरी चूचियों को ऐसे चूसना शुरू किया.. जैसे एक छोटा बच्चा अपनी माँ का दूध पी रहा हो।
फिर प्रवीण ने उसकी गोरी-गोरी चूचियों को ऐसे चूसना शुरू किया.. जैसे एक छोटा बच्चा अपनी माँ का दूध पी रहा हो।
अंजना के हाथ उसके ऊपर तेजी से चल रहे थे चूची चूसने के साथ-साथ प्रवीण का हाथ अंजना की चूत पर आ चुका था और वो उसको लोअर के ऊपर से ही रगड़ने लगा।
इससे अंजना और भी पागल हो गई।
इससे अंजना और भी पागल हो गई।
काफी देर तक प्रवीण उसको ऊपर से चूसता रहा और फिर एकदम से अंजना को पूरी नंगी कर दिया। पूरी नंगी देख कर प्रवीण पागल हो गया और चिल्लाते हुए हँस-हँस कर बोलने लगा- साली कॉलेज के पहले दिन से तुझे चोदना था और आज मौका मिला है.. आज तुझे बिना रहम के चोदूँगा!
और यह बोलते-बोलते उसने अपना लंड एक झटके में अंजना की चूत में उतार दिया।
अंजना की चीख निकल गई।
अंजना की चीख निकल गई।
बस फिर क्या था, चुदाई की सिर्फ कामुकता से लबरेज आवाजें कमरे में गूँज रही थीं.. या ‘फच..फच..’ की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था।
काफी देर तक चोदने के बाद प्रवीण झड़ गया।
काफी देर तक चोदने के बाद प्रवीण झड़ गया।
अंजना भी चुद पिट कर तृप्त हो चुकी थी उनकी चुदाई के बाद वे दोनों मजे से लिपट कर सो गए।
फिर जब तक अंजना दिल्ली में रही प्रवीण और उसकी चुदाई जारी रही और दोस्तों यही रीज़न था जिसकी वजह से मैंने अपने बेस्टफ्रेंड की गर्ल फ्रेंड को चोदा।
मैंने उसको कैसे चोदा, यह जान लीजिए।
यह बात दीवाली की है.. प्रवीण दीवाली में घर चला गया और अनामिका किसी वजह से इस बार नहीं जा पाई।
चूंकि मैं भी दीवाली में इस बार यहीं दिल्ली में था, मैंने अनामिका को दीवाली साथ मनाने को बोला और वो मान गई क्योंकि उसको अभी मेरी नियत का अंदाजा नहीं था कि मैं उसको चोदने की सोच रहा हूँ।
चूंकि मैं भी दीवाली में इस बार यहीं दिल्ली में था, मैंने अनामिका को दीवाली साथ मनाने को बोला और वो मान गई क्योंकि उसको अभी मेरी नियत का अंदाजा नहीं था कि मैं उसको चोदने की सोच रहा हूँ।
दोस्तो, अनामिका भी बहुत ही खूबसूरत लड़की थी.. गोरा रंग.. भरी हुई चूचियाँ इतनी प्यारी.. कि देखते ही मुँह में लेने का मन करे और उसकी गाण्ड का उभार तो किसी को भी पागल कर सकता था।
दीवाली के दिन वो मेरे फ्लैट आ गई और फिर पूरे दिन हमने घर को सजाया.. साथ मिल कर खाना बनाया और अब वक़्त था पटाखे छुड़ाने का।
मुझे अंदाजा नहीं था कि मौका इतनी जल्दी हाथ लग जाएगा।
हम पटाखे छुड़ाने में बिजी थे.. तभी अचानक से एक बम फटा और अनामिका डर से मुझसे चिपक गई और वो इतनी जोर से मुझसे चिपकी कि उसकी चूचियों का उभार मैं बहुत आसानी से महसूस कर सकता था।
हम पटाखे छुड़ाने में बिजी थे.. तभी अचानक से एक बम फटा और अनामिका डर से मुझसे चिपक गई और वो इतनी जोर से मुझसे चिपकी कि उसकी चूचियों का उभार मैं बहुत आसानी से महसूस कर सकता था।
उसकी इस हरकत से मेरा मोटा और लम्बा लंड उसकी गाण्ड फाड़ने को बेचैन हो उठा था।
मैं भी हरामी था.. मैंने भी उसको जोर से पकड़ लिया और मेरा लंड उसकी चूत पर एकदम दस्तक देने को तैयार हो उठा था।
तभी वो अचानक से मुझसे छूट कर छत से कमरे में भागी, मैं भी उसके पीछे-पीछे कमरे तक गया।
तभी वो अचानक से मुझसे छूट कर छत से कमरे में भागी, मैं भी उसके पीछे-पीछे कमरे तक गया।
तभी ये क्या हुआ.. एक दनदनाता हुआ चांटा मेरे गाल पर पड़ा और वो मुझ पर चिल्लाई- तुम्हें ऐसी हरकत करते हुए शरम नहीं आ रही है।
मेरा दिमाग उसके झापड़ से एकदम से गरम हो गया। मैंने उसको पकड़ कर दीवार पर चिपका दिया और जोर से चिल्लाया- जब तेरा बॉयफ्रेंड मेरी एक गर्लफ्रेंड को चोद सकता है तो मैं तुझे क्यों नही चोदूँ।
इतना कहते ही उसकी पकड़ ढीली पड़ गई और मैं अपने होंठों को उसके गुलाबी होंठों पर रख कर देर तक चूसता रहा।
फिर मैंने उसको पूरी कहानी बताई कैसे प्रवीण ने अंजना को चोदा और कैसे वो साली रंडी उससे बड़े मजे से चुदी।
इतना सुनना था कि अनामिका ने प्रवीण को फ़ोन कर के बोला- बहुत शौक है न तुझे दूसरी लड़की चोदने का.. देख आज कैसे में अजय से चुदती हूँ और अब तुझे पता चलेगा कि कैसा लगता है और दूसरे पे क्या बीतती है। साले तूने मेरा विश्वास तोड़ा है।
इतना कह कर उसने फ़ोन कट किया और बिना कुछ बोले लोअर से मेरा लंड निकाल कर चूसने लगी।
उसके हाथों के स्पर्श से ही मेरा लंड तन कर एकदम लोहा हो चुका था, वो कभी मेरे लंड को अपनी जीभ से ऊपर से नीचे तक चाटती कभी मेरे अण्डों को मुँह में ले कर चूसती।
मैं पूरा पागल हो चुका था.. इतना मजा मुझे आज तक नहीं मिला था।
फिर क्या था.. मैंने एक मिनट में उसकी सलवार को मय पैंटी के.. उसके बदन से अलग किया और आव देखा ना ताव.. अपना लम्बा लंड उसकी चूत में पेल दिया।
वो जोर से चिल्लाई और बोली- साले, बहुत लम्बा है तेरा.. धीरे-धीरे कर.. मुझे इतने बड़े की आदत नहीं है।
लेकिन मैं कहाँ सुनने वाला था.. मैं अपने तीसरे पैर को उसकी चूत में पेलता रहा और वो चिल्लाती रही।
फिर 5 मिनट बाद उसके चिल्लाने की अवाज ‘आह.. आह..’ की आवाज में बदल चुकी थी और वो अब मेरा साथ बड़े मजे से दे रही थी। उसके हाथ मेरे पूरे शरीर पर घूम रहे थे।
चुदाई करते समय कुछ देर के लिए मैं रुका, मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके गालों को होंठों को चूमने लगा।
वो लण्ड की कमी से तड़पने लगी।
वो लण्ड की कमी से तड़पने लगी।
मैं चुदाई बीच में छोड़ कर उसके पूरे शरीर को चूमने लगा.. कभी चूचियों को हल्का सा काट देता.. कभी उसको उल्टा करके पूरी पीठ को चूमता।
ऐसा करने से वो और भी पागल हो गई, वो लण्ड की चाह से तड़फ रही थी।
मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगाया और अपनी जीभ को उसकी चूत की दरार में पेल कर उसको चूसने लगा।
वो पागलों की तरह तड़पने लगी और बोलने लगी- प्लीज.. अब चोद दो.. अब कंट्रोल नहीं हो रहा है।
वो पागलों की तरह तड़पने लगी और बोलने लगी- प्लीज.. अब चोद दो.. अब कंट्रोल नहीं हो रहा है।
फिर मैंने उसको उठाया.. खड़ा किया और दीवाल की तरफ पीठ करके खड़ा कर दिया। मैंने उसके पैरों को हल्का सा फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में उतार दिया। वो सिर्फ ‘अह..’ ही कर पाई।
मैंने उसके दोनों हाथों को पकड़ कर फैला कर दीवाल से लगा दिया और चोदने लगा। मेरा लंड उसके चूत मैं ऐसे अन्दर-बाहर होने लगा.. जैसे बोरिंग की मशीन चल रही हो।
मैं उसको ऐसे चोदे जा रहा था.. जैसे मुझे कभी चूत मिली ही ना हो।
सच में यार.. क्या चूत थी.. बहुत मजा आ रहा था चोदने में!
मैं उसको ऐसे चोदे जा रहा था.. जैसे मुझे कभी चूत मिली ही ना हो।
सच में यार.. क्या चूत थी.. बहुत मजा आ रहा था चोदने में!
लम्बे समय तक चोदने के बाद वो दो बार झड़ चुकी थी और बार-बार मुझे हटाने की कोशिश कर रही थी।
फिर मैंने अपना लंड निकाला उसको सीधा किया.. व उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर आ गया।
फिर मैंने अपना लंड निकाला उसको सीधा किया.. व उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर आ गया।
मैंने अपने लंड को उसकी चूचियों के बीच में रख कर दोनों हाथों से मम्मों को पकड़ कर उसकी चूचियों को चोदने लगा। मेरा लंड चूचियों को चीर-चीर कर उसके मुँह में घुस रहा था।
हम दोनों एन्जॉय कर रहे थे। करीब 5 मिनट बाद उसका पूरा मुँह मेरे वीर्य से सना हुआ था और मैं इतनी लम्बी और जबरदस्त चुदाई के बाद अपना बदला ले चुका था।
मैंने उसके मुँह को कपड़े से साफ़ किया और उसको प्यार से किस किया।
उसके बाद मैंने उस रात उसे चार बार चोदा और अगले दिन जब वो गई तो मैं बहुत खुश था।
उसके बाद मैंने उस रात उसे चार बार चोदा और अगले दिन जब वो गई तो मैं बहुत खुश था।
उसका प्रवीण से ब्रेकअप हो चुका था और अब उसका नया बॉयफ्रेंड बन चुका है। ऐसा नहीं है कि मैंने उसके बाद उसको नहीं चोदा.. उसके बाद करीब एक साल तक तक मैंने चोदा और आज भी मौका मिलने पर चोद देता हूँ।
दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल जरूर करें।
helik024@gmail.com
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