मैं कुछ कुछ समझ तो रहा था पर मैं तब भी चुप बना रहा और सोचने लगा कि देखा जाएगा।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं उनके पीछे-पीछे बेडरूम में चला गया।
उसने बिस्तर पर बैठा कर बातें शुरू की और मेरी तरफ भूखी शेरनी की तरह देखने लगी।
उसने एक शराब की बोतल निकाली और दो गिलास बनाए।
मैंने मना कर दिया- मैं नहीं पीता।
उसने जबरदस्ती पिलाई।
मुझे मजा आया तो मैंने एक और पैग लगाया और मुझे नशा आने लगा।
अब उसने मेरे पास आकर मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया, मुझे नंगा कर दिया और मेरे लिंग को चूसने लगी।
मेरा लिंग खड़ा हो चुका था और मैंने नशे में उसको चूमना चालू किया।
उसके मम्मों को दबाना चालू किया, उसके मम्मे बहुत बड़े-बड़े थे, मैंने उसके मम्मों को खूब चूसा।
उसने कहा- अब सहन नहीं होता.. अन्दर डाल दो।
मैंने अपने लिंग को उसकी योनि पर रखा और जोर का धक्का लगाया.. लेकिन पूरा नहीं गया.. पर इतने से ही वो चिल्लाने लगी।
थोड़ी देर रूकने के बाद एक जोर का झटका दिया.. अब पूरा अन्दर जा चुका था।
मैं अपने लिंग को अन्दर-बाहर करने लगा। मैं नशे में तो था ही.. झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। इस बीच वो झड़ चुकी थी।
वो फरियाद करने लगी- छोड़ो मुझे..
मैं उसकी चूत की पिलाई करता रहा।
इस बीच उसका दुबारा मन हो गया और वो दुबारा सहयोग करने लगी।
अबकी बार हम दोनों साथ ही साथ झड़े थे.. पसीने से लथपथ हम एक-दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे।
इस तरह हमने रात में कुल मिलाकर चार बार सेक्स किया था। सुबह हो गई.. मैं गांव जाने तैयार हुआ और उसने गले लगाया और मुझे 5000 रूपये दिए।
मैंने लेने से मना कर दिया.. तो जबरदस्ती मेरे पाकेट में रख दिए।
उसने मेरा नम्बर लिया.. मुझे उसने अपना नम्बर दिया, उसने मुझे स्टैण्ड तक छोड़ा।
मैंने देखा कि उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे।
मैंने उससे रोने का कारण पूछा.. तो उसने कहा- तुम नहीं समझोगे।
बाय किया और एकटक मेरी तरफ देख रही थी।
आपकी ईमेल का इन्तजार रहेगा।  HELIK024@gmail.com