मैं अपने गांव से जयपुर अपने रिश्तेदार को पहुँचाने के लिए गया था। हम यहाँ से तकरीबन 11.30 से घर से निकले और हम 3.30 बजे जयपुर प्लेटफार्म पर पहुँच गए। हमने अपना सामान ट्रेन से उतारा और प्लेटफार्म पर मैसूर एक्सप्रेस का इन्तजार करने लगे।
जयपुर से 7.30 का समय था गाड़ी का।
मैं प्लेटफार्म पर बैठा था कि एक तीन औरतें और चार आदमी हमारे पास आकर अपना सामान रखकर बैठ गए।
जयपुर से 7.30 का समय था गाड़ी का।
मैं प्लेटफार्म पर बैठा था कि एक तीन औरतें और चार आदमी हमारे पास आकर अपना सामान रखकर बैठ गए।
उनमें से एक बड़ी हसीन औरत जो मेरे सामने बैठी थी.. वो अपनी साथ वाली औरतों से बात कर रही थी और मेरी तरफ नजर किए हुए देख रही थी।
मैंने दो-तीन बार उसको इस तरह से देखा। जब मैं उसकी ओर देखता.. तो वो अपनी नजरों को हटा देती।
मैंने दो-तीन बार नोटिस किया कि वो मेरी तरफ ही ज्यादा ध्यान दे रही थी। उन औरतों की बातों के सिलसिले में हँसी की बात पर सब हँस रहे थे, मुझे भी पता नहीं क्यों हँसी आ गई, उसने मेरी तरफ देख कर भौंहों से इशारा किया।
मैं पानी का बहाना कर थोड़ी दूर लगे एक पानी के नल की ओर चला गया। थोड़ी देर के बाद वो भी पीछे आ गई.. और पानी पीने लगी।
पानी पीकर वो मुझसे पूछने लगी- कहाँ जा रहे हो?
मैंने कहा- रिश्तेदारों को ट्रेन में बैठाने आया हूँ.. आप लोग कहाँ जा रहे हो?
उसने कहा- मैं भी अपनी बहन को ट्रेन में बैठाने आई हूँ।
मैंने कहा- ठीक है।
मैंने कहा- रिश्तेदारों को ट्रेन में बैठाने आया हूँ.. आप लोग कहाँ जा रहे हो?
उसने कहा- मैं भी अपनी बहन को ट्रेन में बैठाने आई हूँ।
मैंने कहा- ठीक है।
इसके बाद हम दोनों वापस अपनी-अपनी जगह जाकर बैठ गए। अब उस औरत ने हमारी रिश्तेदार से भी बातें करना शु़रू कर दिया और सभी ऐसे लगने लगे.. जैसे एक-दूसरे के परिचित हों।
ट्रेन आई और ट्रेन में वो सब भी बैठ गए।
मैंने सामान को रखने में उनकी मदद की.. ट्रेन चली गई।
मैंने सामान को रखने में उनकी मदद की.. ट्रेन चली गई।
अब उसने मेरी तरफ देख कर कहा- चलो चाय पी लेते हैं।
हम दोनों बाहर होटल में चाय पीने के लिए बैठ गए, अब हमारा एक-दूसरे का परिचय हुआ।
मैंने चाय के पैसे देना चाहा तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और उसने पैसे दिए।
मैंने चाय के पैसे देना चाहा तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और उसने पैसे दिए।
मैंने कहा- अब मैं गाँव वापस जाऊँगा।
उसने कहा- अब तो 8.30 बज गए.. सुबह चले जाना.. यहाँ पास में ही मेरा मकान है.. वहाँ रह जाना.. सुबह चले जाना।
उसने कहा- अब तो 8.30 बज गए.. सुबह चले जाना.. यहाँ पास में ही मेरा मकान है.. वहाँ रह जाना.. सुबह चले जाना।
काफी नानुकर के बाद मैं भी मान गया और उसके साथ चल दिया।
उसने पार्किग में से गाड़ी निकाली और मुझे अपने साथ लेकर अपने घर को चल दी।
उसने पार्किग में से गाड़ी निकाली और मुझे अपने साथ लेकर अपने घर को चल दी।
उसके घर पर आकर देखा तो देखता ही रह गया.. बड़ा आलीशान बंगला था। उसने मुझे अन्दर सोफे पर बैठाया.. चाय-पानी व नाश्ता करवाया।
फिर उसने अपनी नौकरानी से खाना बनाने के लिए कहा और कहा- खाना तैयार हो जाए.. तो बुला लेना.. तब तक हम फ्रेश होते हैं।
अब वो मुझे अपने साथ ऊपर के रूम में ले गई।
अब वो मुझे अपने साथ ऊपर के रूम में ले गई।
उसने कहा- आप फ्रेश हो जाओ।
मैं बाथरूम में गया और अपने सारे कपड़े उतारे और नहाने लगा। मेरे पास दूसरे कपड़े नहीं थे, उसने मुझे पायजामा और टी-शर्ट दिया।
मैं पहन कर तैयार हो गया।
मैं पहन कर तैयार हो गया।
वो भी नहाकर नाईट सूट पहनकर तैयार हो गई।
खाना तैयार हो चुका था, अब हमने खाना खाया और टीवी देखने बैठ गए।
नौकरानी ने अपना काम खत्म किया और उसे घर जाने का कहकर उसे घर भेज दिया।अब घर में केवल हम दो ही थे, उसने दरवाजा बंद किया और अपने बेडरूम में चलने को कहा।
नौकरानी ने अपना काम खत्म किया और उसे घर जाने का कहकर उसे घर भेज दिया।अब घर में केवल हम दो ही थे, उसने दरवाजा बंद किया और अपने बेडरूम में चलने को कहा।
मैं कुछ कुछ समझ तो रहा था पर मैं तब भी चुप बना रहा और सोचने लगा कि देखा जाएगा।
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मैं उनके पीछे-पीछे बेडरूम में चला गया।
उसने बिस्तर पर बैठा कर बातें शुरू की और मेरी तरफ भूखी शेरनी की तरह देखने लगी।
उसने बिस्तर पर बैठा कर बातें शुरू की और मेरी तरफ भूखी शेरनी की तरह देखने लगी।
उसने एक शराब की बोतल निकाली और दो गिलास बनाए।
मैंने मना कर दिया- मैं नहीं पीता।
उसने जबरदस्ती पिलाई।
मैंने मना कर दिया- मैं नहीं पीता।
उसने जबरदस्ती पिलाई।
मुझे मजा आया तो मैंने एक और पैग लगाया और मुझे नशा आने लगा।
अब उसने मेरे पास आकर मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया, मुझे नंगा कर दिया और मेरे लिंग को चूसने लगी।
अब उसने मेरे पास आकर मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया, मुझे नंगा कर दिया और मेरे लिंग को चूसने लगी।
मेरा लिंग खड़ा हो चुका था और मैंने नशे में उसको चूमना चालू किया।
उसके मम्मों को दबाना चालू किया, उसके मम्मे बहुत बड़े-बड़े थे, मैंने उसके मम्मों को खूब चूसा।
उसके मम्मों को दबाना चालू किया, उसके मम्मे बहुत बड़े-बड़े थे, मैंने उसके मम्मों को खूब चूसा।
उसने कहा- अब सहन नहीं होता.. अन्दर डाल दो।
मैंने अपने लिंग को उसकी योनि पर रखा और जोर का धक्का लगाया.. लेकिन पूरा नहीं गया.. पर इतने से ही वो चिल्लाने लगी।
थोड़ी देर रूकने के बाद एक जोर का झटका दिया.. अब पूरा अन्दर जा चुका था।
मैं अपने लिंग को अन्दर-बाहर करने लगा। मैं नशे में तो था ही.. झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। इस बीच वो झड़ चुकी थी।
वो फरियाद करने लगी- छोड़ो मुझे..
वो फरियाद करने लगी- छोड़ो मुझे..
मैं उसकी चूत की पिलाई करता रहा।
इस बीच उसका दुबारा मन हो गया और वो दुबारा सहयोग करने लगी।
इस बीच उसका दुबारा मन हो गया और वो दुबारा सहयोग करने लगी।
अबकी बार हम दोनों साथ ही साथ झड़े थे.. पसीने से लथपथ हम एक-दूसरे को बेतहाशा चूम रहे थे।
इस तरह हमने रात में कुल मिलाकर चार बार सेक्स किया था। सुबह हो गई.. मैं गांव जाने तैयार हुआ और उसने गले लगाया और मुझे 5000 रूपये दिए।
मैंने लेने से मना कर दिया.. तो जबरदस्ती मेरे पाकेट में रख दिए।
उसने मेरा नम्बर लिया.. मुझे उसने अपना नम्बर दिया, उसने मुझे स्टैण्ड तक छोड़ा।
मैंने देखा कि उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे।
उसने मेरा नम्बर लिया.. मुझे उसने अपना नम्बर दिया, उसने मुझे स्टैण्ड तक छोड़ा।
मैंने देखा कि उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे।
मैंने उससे रोने का कारण पूछा.. तो उसने कहा- तुम नहीं समझोगे।
बाय किया और एकटक मेरी तरफ देख रही थी।
बाय किया और एकटक मेरी तरफ देख रही थी।
आपकी ईमेल का इन्तजार रहेगा। HELIK024@gmail.com
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